पाकिस्तान में हुई थी गजल गायक जगजीत सिंह की जासूसी
मशहूर गजल गायक की नई पुस्तक में ऐसे तथ्य सामने आए हैं। जो उनके चाहने वाले प्रशंसकों के होश उड़ा सकते हैं। गजल गायक जगजीत सिंह को सुनने वाले लोग भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हैं।
नई दिल्ली। मशहूर गजल गायक की नई पुस्तक में ऐसे तथ्य सामने आए हैं। जो उनके चाहने वाले प्रशंसकों के होश उड़ा सकते हैं। गजल गायक जगजीत सिंह को सुनने वाले लोग भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हैं। ऐसे में खबर सामने आई है कि जब वो 1979 में पाकिस्तान दौरे पर गये थे तब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने उनकी जासूसी की पर संयोग से वो उनका प्रशंसक निकला था।
हाल ही में आई जगजीत सिंह पर आधारित नई किताब ‘बात निकलेगी तो फिर. द लाइफ एंड म्यूजिक आफ जगजीत सिंह’ पुस्तक में कहा गया है कि जब जगजीत सिंह पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। तब उनकी पत्नी चित्रा भी उनके साथ गई थीं। जिसमें पत्नी चित्रा ने बताया कि जब हम पाकिस्तान गये तब राजनीतिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थी। हम दोनों तनाव महसूस कर रहे थे। तभी हमने देखा कि एक व्यक्ति हमें घूर रहा है और लगातार हमारा पीछा कर रहा है। हमने उसे एयरपोर्ट और होटल के बाहर हमारा पीछा करते देखा।
चित्रा ने किताब में लिखा है कि वो आदमी हमारा पीछा करते करते होटल के कमरे तक आ पहुंचा था। जैसे ही कमरे की घंटी बजी तो जगजीत ने दरवाजा खोला तो देखा कि वो आदमी दरवाजे के बहार खड़ा है। जगजीत सिंह ने उससे पंजाबी में पूछा ,क्या तुम हमारा पीछा कर रहे हो। तब जासूस ने जवाब दिया कि वह खुफिया विभाग से है और हमारा प्रशंसक भी है और हमे बताया गया कि कमरे में जासूसी की गई है।
जासूस गिफ्ट लेकर आया था उसने अखबार में लपेटकर रखी एक बोतल अपनी जैकेट के अंदर से निकाली और कहा कि ये होटल शराब नहीं परोसता इसलिए आपके लिए लाया हूं।
पुस्तक में चित्रा के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान ने उनके किसी भी कार्यक्रम के आयोजन होने पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन उन्होंने प्रेस क्लब से निजी आमंत्रण स्वीकार किया जहां उन्होंने खचाखच भरे सभागार में कार्यक्रम में भाग लिया।
अगले दिन वे पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त शंकर दयाल शर्मा के आवास पर एक निजी कार्यक्रम के लिए गये जिसके बाद दोनों के पास निमंत्रण की बाढ़ आ गई। चित्रा ने याद किया कि उन्होंने पाकिस्तान सरकार द्वारा उन्हें जारी वह नोटिस दिखाया जिसमें उन्हें केवल 20 फरवरी तक ठहरने की अनुमति दी गई थी और इसके बाद उन्हें कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करने के आग्रह आने बंद हुए।