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अधर में लटके हैं 25 बिल

संसद का शीतकालीन सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण बिलों समेत 25 लंबित बिल विचार और पास कराने के लिए सदन में रखे जाने हैं। इस दौरान 10 नए बिलों को भी पेश किए जाने की संभावना है। सदन के दोनों सदनों में सांसदों के हंगामे और शोरशराबे की वजह से इनके ल

By Edited By: Published: Mon, 26 Nov 2012 02:30 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2012 05:17 PM (IST)
अधर में लटके हैं 25 बिल

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की भांति शीतकालीन सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण बिलों समेत 25 लंबित बिल चर्चा करने और पास कराने के लिए सदन में रखे जाने हैं। इस दौरान 10 नए बिलों को भी पेश किए जाने की संभावना है। सदन के दोनों सदनों में सांसदों के हंगामे और शोरशराबे की वजह से इनके लटकने का खतरा बना हुआ है।

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सत्र के शुरुआती तीन दिन एफडीआइ और सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में आरक्षण जैसे मुद्दों की भेंट चढ़ गए। अगर सरकार आगे सदन को चलाने में कामयाब रही तो कई लंबित विधेयकों के अलावा कई नए बिल संसद में पेश किए जा सकते हैं। इनमें आर्थिक सुधारों से जुड़े विधेयक और पिछले सत्र में हंगामे के कारण लंबित पड़े विधेयक शामिल हैं।

शुक्रवार को राज्यसभा में सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में एससी, एसटी को आरक्षण मामले में बसपा और सपा सांसदों के हंगामे के कारण कार्यवाही का पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा था। इस शोरशराबे के बीच राज्यसभा में लोकपाल प्रवर समिति की रिपोर्ट समेत विशेष उल्लेख से संबंधित प्रपत्र पटल पर रखे गए थे। द लोकपाल एंड लोकायुक्त बिल, 2011 को 27 दिसंबर 2011 को लोकसभा में पारित किया गया था। यह बिल अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई गई मुहिम के बाद सरकार ने पेश किया था। वहीं, एफडीआई मुद्दे पर हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी। सोमवार को एफडीआई और अन्य मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

जिन बिलों पर रहेगी नजर

इस बार आर्थिक सुधार से जुड़े विधेयकों को पास कराना सरकार की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है। आर्थिक सुधारों से जुड़े जिन विधेयकों को सदन में पेश किया जा सकता है उनमें बीमा सेक्टर में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने संबंधी बिल, पेंशन सेक्टर में विदेशी निवेश की इजाजत देने वाला विधेयक, बेहतर कॉरपोरेट गवर्नेस के लिए कंपनी बिल संशोधन 2011, नए बैंकिंग लाइसेंसों का रास्ता साफ करने वाला बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक शामिल हैं। इसके अलावा लंबित पड़े डायरेक्ट टैक्स कोड बिल को भी इस सत्र में पेश किया जा सकता है।

इस सत्र में कई और अहम बिल भी सदन में पेश किए जा सकते हैं। जिनमें एजुकेशन ट्रिब्यूनल बिल, काम करने की जगह पर महिलाओं के शारीरिक शोषण को रोकने से जुड़ा बिल, महिला आरक्षण बिल, हवाला कारोबार पर रोक लगाने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग बिल शामिल हैं।

राह नहीं आसान

इस सत्र में सरकार की कोशिश इन बिलों में से ज्यादातर को पास कराने की होगी। मगर विपक्ष के तेवरों को देखते हुए सरकार के लिए ये राह आसान नहीं होगी। सरकार हर हाल में आर्थिक सुधारों के पहिए की रफ्तार को कम नहीं होने देना चाहेगी। वहीं विपक्ष भी अपनी आपत्तियों के साथ कमर कस चुका है।

वहीं, संसदीय मसलों पर गहरी नजर रखने वाली संस्था पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार संसद में अब तक कुल 102 बिल लंबित है। इनमें सबसे पुराना बिल द इंडियन मेडिकल काउंसिल अमेंडमेंट बिल, 1987 को 26 अगस्त, 1987 को राज्यसभा में पेश किया गया था। इनमें 15 ऐसे बिल भी है जो दोनों में से किसी न किसी एक सदन से पारित हो चुके है। कई बिलों पर स्थायी समिति अपनी रिपोर्ट भी दे चुकी है।

-करोड़ों का नुकसान

संसद ना चल पाने का सबसे बड़ा नुकसान देश और उसकी जनता को ही है। संसद में क्या हो रहा है, इसकी जानकारी आम लोगों तक पहुंच पाए इसके लिए इसके सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गई है। लेकिन लोगों को पूरे दिन यहा हंगामे के अलावा यहा कुछ नजर नहीं आता। अगर आकड़ों पर गौर करें तो संसद की एक दिन की कार्यवाही पर एक करोड़ सात लाख का खर्चा आता है। जिसमें छत्तीस हजार हर मिनट, इक्कीस लाख हर घटा और एक करोड़ सात लाख का खर्चा तब आता है जब संसद में पूरे दिन काम नहीं होता है।

-मौजूदा सत्र में पेश होने वाले बिल व स्थिति इस प्रकार है:-

-द एजुकेशनल ट्रिब्यूनल्स बिल, 2010: तीन मई को लोकसभा में पेश। यहां पारित लेकिन राज्यसभा में लंबित

-द नेशनल एक्रीडिटेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी फॉर हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस बिल: मई, 2010 को लोकसभा में पेश, अगस्त 2011 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द प्रोहिबिशन ऑफ अन्फेयर प्रैक्टिसस इन टेक्निकल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस, मेडिकल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस एंड यूनिवर्सिटी बिल, 2010: 3 मई 2010 को लोकसभा में पेश, 30 मई, 2011 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द आर्किटेक्ट [अमेंडमेंट] बिल, 2010: 31 अगस्त को राज्यसभा में पेश, जनवरी,11 को समिति ने रिपोर्ट दी

-द बैंकिंग लॉज [अमेंडमेंट] बिल, 2011: 22 मार्च को लोकसभा में पेश, 13 दिसंबर,11 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट दी

-द पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल, 2011: 24 मार्च, 2011 को लोकसभा में पेश, 30 अगस्त, 2011 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द इंश्योरेंस लॉज [अमेंडमेंट] बिल, 2008: 22 दिसंबर को राज्यसभा में पेश, 13 दिसंबर,11 को समिति ने रिपोर्ट दी

-द फॉरवर्ड कांट्रैक्ट्स [रेगुलेशन] अमेंडमेंट बिल, 2010: छह दिसंबर 10 को लोकसभा में पेश, 22 दिसंबर 11 को स्थायी समिति की रिपोर्ट पेश

-द कंपनीज बिल, 2011: 14 दिसंबर,11 को लोकसभा में पेश, स्थायी समिति को नहीं भेजा गया

-द प्रिवेंशन ऑफ मनी-लॉड्रिंग [अमेंडमेंट] बिल, 2011: 27 दिसंबर, 2011 को लोकसभा में पेश, नौ मई, 2012 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द लोकपाल एंड लोकायुक्त बिल, 2011: 22 दिसंबर 11 को लोकसभा में पेश, 27 दिसंबर को यहां पारित। राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी ने रिपोर्ट पेश की

-द व्हिसिल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन बिल, 2011: 26 अगस्त10 को लोकसभा में पेश, 27 दिसंबर 11 को पारित, राज्यसभा में लंबित

-द प्रिवेंशन ऑफ बाइब्ररी ऑफ फॉरेन पब्लिक ऑफिशियल्स एंड ऑफिसियल्स ऑफ पब्लिक इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशंस बिल, 2011: 25 मार्च को लोकसभा में पेश, 29 मार्च 12 को समिति ने रिपोर्ट दी

-द अनलॉफुल एक्टिविटीज [प्रिवेंशन] अमेंडमेंट बिल, 2011: 29 दिसंबर को लोकसभा में पेश, 28 माच 12 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द प्रोटेक्शन ऑफ वुमन फ्रॉम सेक्शुअल हैरसमेंट एट वर्कप्लेस बिल, 2010: सात दिसंबर को लोकसभा में पेश, तीन सितंबर, 12 को पारित, राज्यसभा में लंबित

-द कांस्टीट्यूशन [108वां अमेंडमेंट] बिल, 2008 [महिला आरक्षण बिल]: छह मई, 2008 को राज्यसभा में पेश, नौ मार्च 10 को पारित, लोकसभा में लंबित

-द कांस्टीट्यूशन [110वां अमेंडमेंट] बिल, 2009 [रिज‌र्व्स फॉर वुमन 50 परसेंट ऑफ सीट्स इन पंचायत]: 26 नवंबर को लोकसभा में पेश, 28 जुलाई 10 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द कांस्टीट्यूशन [117वां अमेंडमेंट] बिल, 2012 [रिजर्वेशन इन प्रमोशन टू एससी एंड एसटी विद रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट]: पांच सितंबर को राज्यसभा में पेश, समिति को नहीं भेजा गया

-द कांस्टीट्यूशन [सेड्यूल्ड कास्ट] ऑर्डर [अमेंडमेंट] बिल, 2012 [मोडीफाइड एससी लिस्ट ऑफ केरल, मध्यप्रदेश, ओडिशा, त्रिपुरा और सिक्किम]: 21 मई को लोकसभा में पेश, 24 अगस्त 12 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द मोटर वेहिकिल्स [अमेंडमेंट] बिल, 2007: 15 मई को राज्यसभा में पेश, यहां पारित, लोकसभा में लंबित

-द वेयरहाउसिंग कारपोरेशंस [अमेंडमेंट] बिल, 2011: 8 दिसंबर को लोकसभा में पेश, 30 अगस्त 12 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया [अमेंडमेंट] बिल, 2011: 19 दिसंबर 11 को लोकसभा में पेश, 15 मार्च 12 को स्थायी समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द सिटिजनशिप [अमेंडमेंट] बिल, 2011: आठ दिसंबर को राज्यसभा में पेश, 28 मार्च 12 को समिति ने रिपोर्ट पेश की

-द नार्थ-ईस्टर्न एरियाज [रिआर्गनाइजेशन] अमेंडमेंट बिल, 2011: सात दिसंबर, को लोकसभा में पेश, तीन सितंबर 12 को लोकसभा में पारित, राज्यसभा में लंबित।

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