तलाक लेकर पेड़ से करो शादी फिर दोबारा मुझसे रचाओ ब्याह, जानिए क्यों कहा ऐसा
भोपाल में महिला थाने के परिवार परामर्श केंद्र में घरेलू विवाद का एक अनूठा मामला पहुंचा है।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। भोपाल में महिला थाने के परिवार परामर्श केंद्र में घरेलू विवाद का एक अनूठा मामला पहुंचा है। स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ अधिकारी की पत्नी ने शिकायत की थी कि पति ने धोखे में रखकर शादी की और अपने मांगलिक होने की बात छुपाई। दोनों की दोबारा काउंसिलिंग की गई तो पत्नी ने कहा कि मंगल दोष के कारण उसे अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है।
इस दौरान पत्नी ने शर्त रखी कि पति पहले उसे तलाक दे, फिर पेड़ से शादी करे और इसके बाद फिर उससे ब्याह रचाये। पति ने इस शर्त को मानने से इन्कार कर दिया है। मामला रचना नगर में रहने वाले परिवार का है। परामर्श केंद्र में दंपती को 20 दिन का समय दिया गया है, जिससे वह विवाद को सुलझा सकें।
दंपती की शादी को चार साल हुए हैं और उनकी डेढ़ साल की बेटी है। बताया जाता है कि दो माह पहले स्टोर रूम की सफाई के दौरान पत्नी को एक पुरानी डायरी मिली, जिसमें पति के जन्म की तारीख और समय दर्ज था। शादी के समय दी गई कुंडली में जन्म की तारीख और समय कुछ और था। जब पत्नी ने डायरी से मिले जन्म की तारीख व समय से कुंडली बनवाई तो पंडित ने पति को मांगलिक बताया। इसके बाद से विवाद शुरू हो गया।
एक ही घर में बेगानों की तरह रह रहे
पति ने काउंसलर को बताया कि पत्नी का अंधविश्वास खत्म नहीं हो रहा है। दोनों एक ही घर में बेगानों की तरह रह रहे हैं। पत्नी कई ज्योतिषियों और लोगों से मिलकर मंगल दोष का तोड़ पूछ रही है। इसी के चलते उसने शर्त रखी है कि हम दोनों को अभी तलाक ले लेना चाहिए। इससे यदि मंगल दोष का थोड़ा भी प्रभाव मेरे ऊपर हुआ होगा तो उससे मैं मुक्त हो जाऊंगी। इसके बाद तुम पेड़ या घड़े से शादी कर लो, इससे तुम्हारा मंगल दोष निवारण हो जाएगा। फिर साल भर बाद हम दोबारा शादी कर लेंगे। पति का कहना है कि इन सभी बातों को वह नहीं मानता और इतना सब नहीं कर सकता है।
मंगल दोष का निवारण करना होगा
उधर, पत्नी का कहना है कि जब से उसे इस बात का पता चला है, तब से वह मानसिक रूप से बहुत परेशान है। अब भी लोग मांगलिक दोष के निवारण के लिए कुछ न कुछ करते हैं। कई लोग मंगल दोष के निवारण के लिए पेड़ से शादी करते हैं, जिससे निवारण होता है। ज्योतिषी भी ऐसा ही करने की सलाह दे रहे हैं।
समझाइश दी है
परिवार परामर्श केंद्र के काउंसलर मोहिब अहमद का कहना है कि दोनों पक्षों को समझाकर साथ रहने के लिए भेजा गया है, लेकिन पत्नी मानने को तैयार नहीं है। उसने शर्त रखी है कि तलाक लेने के बाद पहले पेड़ से शादी को फिर वह उससे शादी कर लेगी। पति इसे पत्नी का अंधविश्वास मान रहा है और वह इस शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं है।