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फरार दुष्कर्मी बन गया बैंक अफसर

कुन्नूर। आखिरकार कानून के लंबे हाथ जर्मन महिला से दुष्कर्म के दोषी बिंट्टी मोहंती तक पहुंच गए। उसे शनिवार को केरल के कुन्नूर में गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश किया गया। उसे 2006 में सात साल की सजा हुई थी, लेकिन पैरोल पर छूटने के दौरान वह फरार हो गया था। बिंट्टी की गिरफ्तारी से राजस्थान पुलिस ने राहत की सांस ली है, लेकिन वह जिस तरह अपना नाम और पहचान बदलकर कुन्नूर के स्टेट बैंक आफ त्रावनकोर में प्रोबेशन अफसर की नौकरी करते पाया गया उससे शर्मिदा करने वाले कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। बिंट्टी मोहंती ओडिशा के रिटायर्ड डीजीपी बीबी मोहंती का बेटा है। बीबी मोहंती को अपने बेटे की मदद करने के आरोप में निलंबित किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया। कुछ समय पहले उन्होंने आशंका जताई थी कि शायद उनका बेटा मर गया है।

By Edited By: Published: Sat, 09 Mar 2013 11:47 AM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2013 07:17 PM (IST)
फरार दुष्कर्मी बन गया बैंक अफसर

कुन्नूर। आखिरकार कानून के लंबे हाथ जर्मन महिला से दुष्कर्म के दोषी बिंट्टी मोहंती तक पहुंच गए। उसे शनिवार को केरल के कुन्नूर में गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश किया गया। उसे 2006 में सात साल की सजा हुई थी, लेकिन पैरोल पर छूटने के दौरान वह फरार हो गया था। बिंट्टी की गिरफ्तारी से राजस्थान पुलिस ने राहत की सांस ली है, लेकिन वह जिस तरह अपना नाम और पहचान बदलकर कुन्नूर के स्टेट बैंक आफ त्रावनकोर में प्रोबेशन अफसर की नौकरी करते पाया गया उससे शर्मिदा करने वाले कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। बिंट्टी मोहंती ओडिशा के रिटायर्ड डीजीपी बीबी मोहंती का बेटा है। बीबी मोहंती को अपने बेटे की मदद करने के आरोप में निलंबित किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया। कुछ समय पहले उन्होंने आशंका जताई थी कि शायद उनका बेटा मर गया है।

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बिंट्टी मोहंती का मूल नाम बीएच मोहंती है। उसे मार्च 2006 में अलवर में जर्मनी की 26 वर्षीय एक पर्यटक से दुष्कर्म के आरोप में पकड़ा गया था। यह मामला इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुआ था, क्योंकि मोहंती को मात्र 22 दिन में सजा सुना दी गई थी। सजा सुनाए जाने के कुछ ही समय बाद वह मां की बीमारी के बहाने पैरोल पर छूटा और फिर फरार हो गया। फरारी के इस दौर में उसने अपना नाम, पता और यहां तक कि पिता का नाम भी बदल लिया।

वह स्टेट बैंक आफ त्रावनकोर में प्रोबेशनरी अफसर के तौर पर राघव राज के रूप में काम कर रहा था। उसने खुद को पुंट्टापर्थी, आंध्र प्रदेश का मूल निवासी और पिता का नाम राजीव राज बता रखा था। उसके पास से इसी नाम से पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला है। पुलिस के अनुसार उसने कुन्नूर के एक कालेज से एमबीए की डिग्री हासिल कर रखी है। वह स्टेट बैंक आफ त्रावनकोर में एक साल से काम कर रहा था। बैंक के प्रवक्ता ने इसके लिए माफी मांगी है कि हम उसकी सही पहचान नहीं कर सके। बैंक और पुलिस अधिकारियों को यह बताना मुश्किल हो रहा है कि आखिर बिंट्टी मोहंती ने फर्जी जन्म, निवास प्रमाण पत्र हासिल करने के साथ-साथ शिक्षा संबंधी प्रमाणपत्र कैसे जुटा लिए? सबसे बड़ी बात यह कि वह फर्जी पहचान से बैंक की परीक्षा में भी बैठने में कैसे कामयाब हो गया?

हालांकि राजस्थान पुलिस ने बिंट्टी की तलाश बंद कर दी थी, लेकिन दिल्ली दुष्कर्म कांड के बाद उसका नाम फिर से उछला था। उसकी सात साल पुरानी तमाम फोटो अखबारों, टीवी चैनलों की वेबसाइट्स के साथ-साथ यू ट्यूब पर मौजूद हैं। केरल पुलिस के अनुसार इन फोटो के आधार पर उसकी पहचान करना मुश्किल था, क्योंकि उसने बाल और मूंछें बढ़ाकर अपना हुलिया बदल लिया था। बावजूद इसके बैंक के पास पहुंची एक गुमनाम चिट्ठी ने उसका भेद खोल दिया। अब बिंट्टी को हिरासत में लेने के लिए राजस्थान पुलिस का एक दल केरल रवाना हो गया है।

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