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अब किताब के पन्नों से जनरल ने उगली आग

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विवादास्पद बयानों को लेकर उलझते रहे पूर्व सेनाप्रमुख जनरल वीके सिंह ने अब किताब के सहारे सरकार और अपने कई पूववर्ती सेनाध्यक्षों के खिलाफ आग उगली है। यहां तक की जनरल ने अपनी आत्मकथा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की लाचारी पर कटाक्ष के साथ ही टाट्रा ट्रक खरीद घोटाले में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक उच्

By Edited By: Published: Fri, 08 Nov 2013 09:09 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2013 10:12 PM (IST)
अब किताब के पन्नों से जनरल ने उगली आग

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विवादास्पद बयानों को लेकर उलझते रहे पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने अब किताब के सहारे सरकार और अपने कई पूववर्ती सेनाध्यक्षों के खिलाफ आग उगली है। यहां तक की जनरल ने अपनी आत्मकथा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की लाचारी पर कटाक्ष के साथ ही टाट्रा ट्रक खरीद घोटाले में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक उच्च अधिकारी की भूमिका को भी कठघरे खड़ा किया है। सिंह ने दावा किया कि उम्र विवाद के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें पद न छोड़ने की सलाह दी थी।

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पढ़ें: अवमानना मामले में वीके सिंह की खिंचाई

जनरल सिंह ने 'करेज एंड कनविक्शन' शीर्षक से लिखी आत्मकथा में पीएमओ पर तीखे तीर चलाते हुए उम्र विवाद के पीछे भी एक ताकतवर अफसर की भूमिका बताई है। सिंह ने उसका नाम तो नहीं लिया है, लेकिन टाट्रा समेत कई घोटालों के तार भी इस अधिकारी के साथ जोड़ते हुए स्पष्ट संकेत दिए हैं। पूर्व सेनाध्यक्ष के मुताबिक उक्त अधिकारी के रिश्तेदार को सार्वजनिक उपक्रम बीईएमएल के परिसर में प्लॉट दिया गया था। जनरल वीके सिंह ने किताब में सरकारी अफसरों से मिले संकेतों का हवाला देते हुए लिखा है कि उम्र विवाद को एक पूर्व सेनाध्यक्ष ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती की पत्नी के कहने पर उठाया। साढ़े तीन सौ से अधिक पन्नों की किताब में सेनाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री कार्यालय को 'लीकेज वाला' बताने के साथ ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लाचार बताने का प्रयास भी किया। बतौर सेनाध्यक्ष म्यांमार यात्रा के बाद प्रधानमंत्री सिंह से अपनी मुलाकात का हवाला देते हुए सिंह लिखते हैं कि पड़ोसी मुल्क को सड़क निर्माण उपकरण देने के छोटे से मामले में भी प्रधानमंत्री की लाचारी सामने आ गई। सिंह के अनुसार रणनीतिक लिहाज से अहम कई परियोजनाओं के संबंध में स्थिति बताने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जनरल साहब अब यह प्रक्रियात्मक समस्याएं हैं। हम कोशिश कर रहे हैं।

जन्मतिथि के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार के साथ कानूनी लड़ाई हार चुके जनरल ने इसे इज्जत का सवाल बताते हुए दावा किया कि तत्कालीन राष्ट्रपति ने उन्हें पद न छोड़ने की सलाह दी थी। अपने ब्रिटेन दौरे के पूर्व तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात का हवाला देते हुए जनरल लिखते हैं कि उन्होंने मुझे इस्तीफा न देने और अपने काम को जारी रखने की सलाह दी। सिंह के मुताबिक उम्र विवाद के चरम पर पद छोड़ने का भी विचार उनके मन में आया। कई वरिष्ठ व्यक्तियों के आगे यह भी कहा कि सरकार चाहे तो मैं कार्यकाल से पहले पद छोड़ने और लिखित आश्वासन देने को तैयार हूं कि जन्मतिथि का मसला मेरे लिए कुर्सी पर बने रहने का नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा का मसला है।

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