जम्मू-कश्मीर: टेरर फंडिग मामले में गिलानी और वटाली के बेटे बने गवाह
एनआइए ने गफ्फार का दिया आठ पेज का बयान और जफर का दिया चार पेज का बयान भी अदालत में दाखिल किया है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। कश्मीर में आतंकियों को धन मुहैया कराने के मामले में एनआइए ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और कारोबारी जहूर अहमद वटाली के बेटों को अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया है।एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने इस मामले में जनवरी में विशेष अदालत ने आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें शामिल गवाहों की सूची में वटाली के बेटे यासिर गफ्फार का नाम 30 वें नंबर पर और गिलानी के बेटे नईम-उल-जफर का नाम 37 वें नंबर पर है।
एनआइए ने गफ्फार का दिया आठ पेज का बयान और जफर का दिया चार पेज का बयान भी अदालत में दाखिल किया है। दोनों ने ये बयान एक पुलिस अधिकारी के समक्ष दिए हैं। जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में 12 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें लश्कर ए तैयबा का सरगना हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना सैयद सलाहुद्दीन भी शामिल हैं। इस समय दोनों पाकिस्तान में हैं। बाकी के दस आरोपियों को एनआइए ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें गिलानी का दामाद अल्ताफ अहमद शाह और कारोबारी वटाली शामिल हैं। एनआइए ने मामले में गिलानी के खास अयाज अकबर को भी गिरफ्तार किया है, वह तहरीक-ए-हुर्रियत का प्रवक्ता था।
एनआइए ने 30 मई, 2017 को कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों से अवैध धन आने को लेकर मुकदमा दर्ज किया था। बाद में इसके आधार पर हलफिया बयान दर्ज किए। मामले में गिलानी के बेटे जफर ने दुबई, लंदन और पाकिस्तान से इस बाबत संपर्को की जानकारी दी। उसने पाकिस्तान में डॉक्टरी की पढ़ाई के दौरान हुई मुलाकातों के बारे में भी लिखित तौर पर बताया। जबकि वटाली के बेटे ने कारोबार के सिलसिले में लोगों से मुलाकात और उनसे अवैध रूप से धन के लेन-देन के बारे में बताया। आरोप पत्र में 42 अन्य गवाहों का भी उल्लेख किया गया है। जांच के दौरान 232 लोगों से पूछताछ करने की जानकारी दी गई है।