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प्रधान बबली ने बदल दी अपने गांव की तस्वीर, नहीं लगाई सरकारी अनुदान की ओर टकटकी

सरकारी अनुदान की ओर नहीं लगाई टकटकी, ग्राम पंचायत से ही आय अर्जित कर लगा दिया विकास कार्यों में

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 11:30 AM (IST)
प्रधान बबली ने बदल दी अपने गांव की तस्वीर, नहीं लगाई सरकारी अनुदान की ओर टकटकी
प्रधान बबली ने बदल दी अपने गांव की तस्वीर, नहीं लगाई सरकारी अनुदान की ओर टकटकी

बरेली [प्रशांत गौड़]। सरकार और सिस्टम को कोसने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए फरीदपुर तहसील का उम्मेदपुर भुता गांव नजीर है। कभी इस गांव की हालत भी भुतहा इलाके की तरह हुआ करती थी, लेकिन महिला प्रधान बबली देवी ने तमाम सरकारी रोड़ों से इतर गांव की तस्वीर बदल डाली। न अनुदान का इंतजार किया, न विधायक-सांसद की चौखट पर दस्तक दी। ग्राम पंचायत से ही आय के तरीके ढूंढ़े और उन्हें विकास कार्यों में लगा दिया। यहां के सरकारी प्राइमरी स्कूल का चाइल्ड फ्रेंडली टॉयलेट देख आप हैरान रहे बिना नहीं रह पाएंगे। बिल्कुल फाइव स्टार होटल का एहसास कराएगा।

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80 फीसद गलियां पक्की
इस ग्राम पंचायत का अपना बाजार है। इसमें करीब 200 दुकानें हैं। पंचायत ने इन दुकानों को किराये पर उठाने के लिए खुली बैठक में प्रस्ताव पास कराया। तहसील के अफसरों की मदद से इसका ठेका छोड़कर कॉस्मेटिक, फल, सब्जी, टेलरिंग आदि की दुकानों से किराया वसूलना शुरू किया। जब आमदनी होने लगी तो अगले साल स्वयं अपने बूते पर ठेका छोड़ा। साल-दर साल पंचायत का खजाना भरता गया और आमदनी से गांव की अब तक 80 फीसद गलियां पक्की कराई जा चुकी हैं।

खराब पड़े करीब 20 हैंडपंप रिबोर कराकर पेयजल की सुविधा दिलाई गई। आधुनिक सरकारी प्राइमरी स्कूल व बाल मित्र शौचालय तैयार कराया। फिलहाल बरातघर निर्माणाधीन है। इसी माह घरों पर स्वच्छता कर लगाकर साफ-सफाई की व्यवस्था सुदृढ़ कराने, पूरे गांव को वाईफाई कराने, आधुनिक वाचनालय आदि का निर्माण कराने व अन्य सुविधाओं को दिलाने में महिला प्रधान जुटी हैं।

बनाया हाईटेक चाइल्ड फ्रेंडली टॉयलेट
गांव का प्राइमरी स्कूल खासतौर से आकर्षित करता है। उस पर भी यहां बनाया गया चाइल्ड फ्रेंडली टॉयलेट। इसमें अत्याधुनिक सुविधा के अलावा स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा गया है। यहां छात्रों की लंबाई के हिसाब से अलग-अलग यूरेनल शीट व आकर्षक टाइल्स लगाई गई हैं। ग्रेनाइट पत्थर से फर्श तैयार कराया गया है। प्रकाश के लिए बेहतर लाइटिंग कराई गई है।

सरकारी स्कूल में इंटरनेट सुविधा
स्कूल की कक्षाओं में फर्नीचर, आधुनिक पुस्तकालय व इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई गई। उसी का नतीजा है कि सरकारी स्कूल कॉन्वेंट को टक्कर दे रहा है। अभिभावकों ने भी निजी स्कूलों में पढ़ रहे अपने बच्चों को यहां प्रवेश कराना शुरू कर दिया है। साल दर साल छात्र संख्या बढ़ रही है। अब पंचायत इसे इंग्लिश मीडियम कराने के प्रयास में जुटी है।  


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