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कांडला पोर्ट को देखकर प्रभावित हुए थे गौतम अडानी, लिया था जीवन में बहुत बड़ा करने का फैसला; पढ़ें पूरी कहानी

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जब से आई है तभी से गौतम अडानी लगातार खबरों की सुर्खियों में बने हुए हैं। गौतम अडानी ने अपना रास्ता खुद ही चुना था और वह अपने चुने रास्ते पर आगे चले। फोटो- जागरण

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Mon, 06 Feb 2023 06:24 PM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2023 06:44 PM (IST)
कांडला पोर्ट को देखकर प्रभावित हुए थे गौतम अडानी, लिया था जीवन में बहुत बड़ा करने का फैसला; पढ़ें पूरी कहानी
कांडला पोर्ट को देखकर प्रभावित हुए थे गौतम अडानी, लिया था जीवन में बहुत बड़ा करने का फैसला।

नई दिल्ली, जेएनएन। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जब से आई है तभी से गौतम अडानी लगातार खबरों की सुर्खियों में बने हुए हैं। गौतम अडानी ने अपना रास्ता खुद ही चुना था और वह अपने चुने रास्ते पर आगे चले। आज हम आपको गौतम अडानी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक तथ्यों को बताने जा रहे हैं, जिसके माध्यम से आप उनके जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण फैसलों और उनके समूह के बारे में जान सकेंगे। अडानी ने अपने जीवन में समय-समय पर कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं, जिसकी वजह से उन्होंने आज अपना एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया है। इसके लिए उन्होंने अपने परिवार के बिजनेस को चलाने के बजाय खुद का बिजनेस शुरू करना का फैसला लिया।

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20 साल की उम्र में बने करोड़पति

अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी स्कूल ड्रॉपआउट हैं। अहमदाबाद के सीएन विद्यालय से कॉर्मस की पढ़ाई करने के दौरान उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी, जिसके बाद वह बिजनेस की ओर रूख किया। उन्होंने अपने पारिवारिक व्यापार में कोई रूची नहीं दिखाई। उनके परिवार का टेक्सटाइल का बिजनेस था। अडानी ने हीरे के कारोबार से अपने बिजनेस का शुरुआत किया और तीन साल के अंदर ही वह 20 साल की उम्र में करोड़पति बन गए थे।

गरीब बच्चों को समूह देता है मुफ्त स्कूली शिक्षा

मालूम हो कि अडानी पावर लिमिटेड जो अदानी समूह का ही हिस्सा है निजी क्षेत्र में देश में सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी है। यह कंपनी उर्जा का सबसे अधिक उत्पाद करती है। अडानी समूह के थर्मल पावर प्लांट 4620 मेगावॉट तक बिजली का उत्पादन करते हैं। यही नहीं, उनकी कंपनी ही देशभर में सबसे अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन करती है। अडानी समूह कमाई के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी जुड़ा हुआ है। इसके तहत अडानी समूह की ओर से अहमदाबाद में अडानी विद्या मंदिर स्कूल का संचालन किया जाता है, जिसमें गरीब बच्चों को मुफ्त में स्कूली शिक्षा दी जाती है।

कांडला पोर्ट देख हुए थे प्रभावित

गौतम अडानी जब स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, तभी वह एक दिन गुजरात के कांडला पोर्ट पर पहुंचे। इस पोर्ट को देखकर अडानी बहुत अधिक प्रभावित हुए। उन्होंने उसी दिन निर्णय लिया था कि वह भी जीवन में कुछ ऐसा ही या फिर इससे बड़ा बनाएंगे। इसके बाद उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत शुरू कर दी थी। आज भारत में पोर्ट रेलवे के नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। इसके पीछे अडानी का दिमाग माना जाता है। अडानी ने 2001 से 2004 तक रेल मंत्री रहे नीतिश कुमार को रेल-पोर्ट लिंक का महत्व बताकर इस नीति को बनाने का सुझाव दिया था। उनके सुझाव के बाद सरकार ने रेल-पोर्ट लिंक नीति शुरू की थी और आज अमूमन सभी पोर्ट रेलवे नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।

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