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भारत में पहली बार किसी बौने व्यक्ति को मिला ड्राइविंग लाइसेंस, महज 3 फीट लंबे शख्स ने बनाया रिकार्ड

गट्टीपल्ली शिवपाल को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने में खूब कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लोग उनके कद को लेकर उनका मजाक भी उड़ाते थे लेकिन अब उन्होंने इनका मुंह बंद कर दिया है। वह ड्राइविंग स्कूल खोलने की तैयारी में हैं।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 09:54 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 09:54 PM (IST)
भारत में पहली बार किसी बौने व्यक्ति को मिला ड्राइविंग लाइसेंस, महज 3 फीट लंबे शख्स ने बनाया रिकार्ड
भारत में पहली बार किसी बौने व्यक्ति को मिला ड्राइविंग लाइसेंस। (फोटो-एएनआइ)

हैदराबाद, एएनआइ। कहते हैं मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। यह मशहूर लाइन हैदराबाद के निवासी गट्टीपल्ली शिवपाल पर सटीक बैठती है। तमाम कठिनाइयों का सामना करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और वह भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले पहला बौना बन गए हैं। यही नहीं लिम्का बुक आफ रिकार्ड में भी उनका नाम दर्ज हो गया है। उनके जैसे कद वाले लोग उनसे ड्राइविंग सिखने के लिए संपर्क कर रहे हैं। इसके चलते उन्होंने ड्राइविंग स्कूल भी खोलने की तैयारी कर ली है। उनकी उम्र 42 साल है और वे करीब 3 फीट लंबे हैं। उन्होंने 2004 में अपनी डिग्री पूरी की और अपने जिले में दिव्यांग के रूप में डिग्री पूरी करने वाले पहले व्यक्ति थे।

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गट्टीपल्ली शिवपाल को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने में खूब कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लोग उनके कद को लेकर उनका मजाक भी उड़ाते थे, लेकिन अब उन्होंने इनका मुंह बंद कर दिया है। इसे लेकर शिवपाल कहते हैं, ' मेरे कद के कारण लोग मुझे चिढ़ाते थे और आज मैं द लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स और कई अन्य रिकार्ड बुक्स में नाम दर्ज करा चुका हूं। ड्राइविंग प्रशिक्षण के लिए बहुत से छोटे लोग मुझसे संपर्क कर रहे हैं और मैंने अगले साल शारीरिक रूप से दिव्यांग लोगों के लिए ड्राइविंग स्कूल शुरू करने का फैसला किया है।'

ड्राइविंग में गट्टीपल्ली शिवपाल की दिलचस्पी तब और बढ़ गई जब उन्हें अमेरिका में एक बौने व्यक्ति का कार चलाते हुए एक वीडियो मिला। इसके बाद मैकेनिक्स को समझने के लिए उन्होंने अमेरिका की यात्रा की। जब उन्होंने यह मान लिया कि कार चलाना उनके लिए असंभव नहीं है, तो वह हैदराबाद में एक ऐसे व्यक्ति से मिले जो कारों को कस्टमाइज करता है।

इसके बाद उन्होंने अपनी कार को कस्टमाइज कराई। इसके बाद भी उनके लिए ड्राइविंग सीखना कठिन रहा क्योंकि शहर के 120 से अधिक ड्राइविंग स्कूलों ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए उन्हें सिखाने से इन्कार कर दिया था। बाद उन्होंने अपने दोस्त इस्माइल की मदद से यह कारनामा किया। अब वह अपनी पत्नी को गाड़ी चलाना सिखा रहे हैं।


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