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गैस चैंबर बना Delhi-NCR, हेल्थ इमरजेंसी घोषित, दिल्ली के स्कूलों में छुट्टी, निर्माण कार्यो पर रोक

दिल्ली के प्रदूषण में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 46 फीसद तक पहुंच गई।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 10:42 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 10:42 PM (IST)
गैस चैंबर बना Delhi-NCR, हेल्थ इमरजेंसी घोषित, दिल्ली के स्कूलों में छुट्टी, निर्माण कार्यो पर रोक
गैस चैंबर बना Delhi-NCR, हेल्थ इमरजेंसी घोषित, दिल्ली के स्कूलों में छुट्टी, निर्माण कार्यो पर रोक

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति अति गंभीर स्थिति में पहुंच जाने के कारण पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। मौजूदा स्थिति को गैस चैंबर बताते हुए स्वास्थ्य के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी है। साथ ही तमाम तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इन सभी प्रतिबंधों पर अमल सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इसके बाद दिल्ली में 5 नवंबर तक के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं।

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हवा की गुणवत्ता बिगड़कर आपात स्थिति में पहुंची

इस साल जनवरी के बाद पहली बार दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिगड़कर आपात स्थिति में पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में बने ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल ने शुक्रवार को उक्त सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे गए पत्र में कहा कि गुरुवार रात दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई और अब उससे भी आगे खतरनाक श्रेणी में पहुंच रही है। हम इसे जन स्वास्थ्य आपातकाल की तरह ले रहे हैं क्योंकि वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होगा, विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर।

कुछ दिनों में हालात सुधरने की संभावना

ईपीसीए ने कहा है कि मौसम विभाग ने कुछ दिनों में हालात सुधरने की संभावना जताई है, लेकिन तब तक हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठा जा सकता। इसीलिए एहतियातन दिल्ली एनसीआर में 5 नवंबर तक विभिन्न प्रतिबंधों की घोषणा की गई है। ईपीसीए ने सभी राज्यों से प्रदूषण बढ़ने से रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर सख्ती बरतने, निगरानी बढ़ाने, धूल उड़ने से रोकने और कचरे जलाने की घटनाओं पर भी पूर्णतया अंकुश लगाने को कहा है।

दिल्ली सरकार ने किए 5 नवंबर तक स्कूल बंद

हेल्थ इमरजेंसी घोषित किए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने अपने सभी स्कूलों को 5 नवंबर तक बंद करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के हालात को ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है।

5 नवंबर की सुबह तक के लिए लगाए ये प्रतिबंध

1. दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निर्माण कार्यो पर रोक रहेगी

2. एनसीआर के सभी शहरों में हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन थ्रेसर के परिचालन पर भी रोक रहेगी

3. दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत, पानीपत, बहादुरगढ़ और भिवाड़ी में ऊर्जा संयंत्रों को छोड़कर सभी कोयला आधारित और गैर पीएनजी औद्योगिक इकाइयां बंद रहेंगी।

4. इन पूरी सर्दियों के लिए पटाखे जलाने पर रोक लगा दी गई है।

ईपीसीए ने कहा, लोगों को जागरूक करें राज्य

ईपीसीए के मुताबिक जब हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 सहित सभी प्रदूषक तत्वों की मात्रा अति गंभीर स्तर पर पहुंची जाती है तो यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होती है। दमा, अस्थमा और एलर्जी से पीडि़त मरीजों की समस्याएं इन दिनों काफी बढ़ जाती हैं। जहरीली गैसें बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी तेजी से वार करती हैं। इसीलिए लोग घर में ही रहें। सभी राज्य इसको लेकर जनता में व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाएं।

नोएडा व गाजियाबाद सर्वाधिक प्रदूषित

शहर            एयर इंडेक्स

दिल्ली          484

फरीदाबाद      479

गाजियाबाद    496

नोएडा           499

ग्रेटर नोएडा    496

गुरुग्राम        469

दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी पहुंची 46 फीसद तक

दिल्ली के प्रदूषण में शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 46 फीसद तक पहुंच गई। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर के मुताबिक, वायु गुणवत्ता में गिरावट का यह इस साल का सर्वाधिक स्तर है। यह अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। सफर ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यह इस साल के सर्वाधिक स्तर (3,178 मामले) पर है। इसके अलावा निचले स्तर पर हवा की गति, धूल उड़ना और कम आ‌र्द्रता जैसे कुछ अन्य कारण भी हैं जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।

कोट्स

प्रदूषण की यह स्थिति स्थानीय कारकों, दिवाली की रात जलाए गए पटाखों, पराली के धुएं और मौसमी परिस्थितियों का मिश्रित परिणाम है-भूरेलाल, अध्यक्ष, ईपीसीए।

पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से धुएं के कारण दिल्ली एक गैस चैंबर में बदल गई है। जरूरी है कि लोग अपनी रक्षा करें, मास्क पहनें-अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली।


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