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जस्टिस गांगुली को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं

प्रशिक्षु वकील के यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एके गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा कि आरोप लगते ही पद छोड़ने से गलत मिसाल कायम होगी।

By Edited By: Published: Mon, 02 Dec 2013 05:36 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2013 05:43 AM (IST)
जस्टिस गांगुली को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं

नई दिल्ली। प्रशिक्षु वकील के यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एके गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा कि आरोप लगते ही पद छोड़ने से गलत मिसाल कायम होगी।

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सोराबजी ने कहा कि जस्टिस गांगुली ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। ऐसे में वह इस्तीफा क्यों दें। मान लीजिए कि सभी आरोप गलत पाए जाते हैं। मान लीजिए ऐसा ही होता, तो क्या उन्हें मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

अगर आरोप लगते ही अहम पदों को छोड़ने के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया जाए, तो गलत और खतरनाक परिपाटी शुरू हो जाएगी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कई बार एकदम सीधा नजर आने वाला मामला आखिर में कुछ और ही निकलता है।

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