भारत-पाक को युद्ध के कगार पर लाया जैश का 'गजवा-ए-हिंद'
जैश के मारे गए आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन के संगठन अलकायदा से निकट संबंध रहे हैं। जैश की स्थापना आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर ने की थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के हमले उसके 'गजवा-ए-हिंद' (भारत के खिलाफ युद्ध) का हिस्सा हैं। इसी मुहिम ने इसे सबसे घातक आतंकी संगठन में बदल दिया है। इस आतंकी संगठन ने दो दशकों में दो बार भारत और पाकिस्तान को युद्ध के कगार पर ला दिया। अधिकारियों के अनुसार पिछले 20 वषरें में जैश-ए-मुहम्मद के सबसे घातक आतंकी हमलों में पठानकोट एयरबेस, उड़ी में सेना के मुख्यालय पर हमला, श्रीनगर में बादामीबाग कैंट पर हमले और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पास बम विस्फोट शामिल हैं।
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि भारत और पाकिस्तान 2001 में उस समय युद्ध के कगार पर आ खड़े हुए थे, जब जैश ने भारतीय संसद पर हमला किया था। इसीतरह गत 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद एक बार फिर यही स्थिति बन गई है। अधिकारी ने एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि अल-कायदा से जुड़े हुए आतंकी संगठन ने 27 नवंबर,2017 को पाकिस्तान के ओकारा जिले में एक सम्मेलन आयोजित किया था जिसमें भारत-पाकिस्तान संबंधों को ध्यान में रखे बिना 'गजवा-ए-हिंद' जारी रखने का संकल्प लिया गया था।
24 दिसंबर, 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आइसी-814 का अपहरण किये जाने पर 31 दिसंबर, 1999 को आतंकी साजिशकर्ता मसूद अजहर को भारतीय जेल से रिहा किए जाने के बाद जैश-ए-मुहम्मद का गठन किया गया था। जैश ने जम्मू कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। घाटी में अप्रैल 2000 में किये गये हमले में 30 सैनिक शहीद हो गये थे, जून 2000 में श्रीनगर के बटमालू में एक बस स्टैंड पर हुए हमले में तीन पुलिसकर्मी मारे गये थे। एक अक्टूबर, 2001 को जम्मू कश्मीर विधानसभा पर बम विस्फोट में 31 लोगों की मौत हुई थी और 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए हमले में नौ सुरक्षाकर्मी तथा अधिकारी मारे गये थे।
11 सितंबर 2001 को हुए हमले के ठीक तीन महीने बाद विधानसभा पर हमला और अफगानिस्तान में तोरा बोरा की गुफाओं में लादेन पर नकेल कसने के एक हफ्ते बाद संसद पर हमला हुआ।गुलाब नबी आजाद के जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से कुछ घंटे पहले दो नवंबर, 2005 को जैश के आत्मघाती दस्ते ने श्रीनगर के नौगाम क्षेत्र में एक शक्तिशाली कार बम हमला किया जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गये।
जैश के एक सशस्त्र समूह ने दो जनवरी, 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हमला किया जिसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे।जैश ने 18 सितंबर, 2016 को उड़ी में सेना के मुख्यालय पर हमला किया जिसमें 17 सैनिक शहीद हो गये थे और 30 अन्य घायल हो गये थे। पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के सबसे बड़े शिविर पर हवाई हमला किया जिससे एक बार फिर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है।