Gaganyaan Rocket: ISRO ने गगनयान रॉकेट बूस्टर HS200 का किया सफलतापूर्वक परीक्षण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को गगनयान कार्यक्रम के लिए मानव-रेटेड ठोस रॉकेट बूस्टर (HS200) का स्थैतिक परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। GSLV Mk III रॉकेट का हिस्सा है जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
बेंगलुरु, एजेंसी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार (13 मई) को अपने मानव अंतरिक्ष मिशन कार्यक्रम 'गगनयान' में ठोस ईंधन से चलने वाले रॉकेट बूस्टर इंजन के स्थैतिक परीक्षण फायरिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर एक कदम आगे बढ़ाया गया।
बूस्टर इंजन जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल MkIII (GSLV Mk III) रॉकेट का हिस्सा है जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
इसरो ने ट्वीट कर बताया 'ISRO ने 13 मई, 2022 को स्थानीय समयानुसार सुबह 7:20 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC), श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश में गगनयान कार्यक्रम के लिए मानव-रेटेड ठोस रॉकेट बूस्टर (HS200) का स्थैतिक परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।'
(1/2) ISRO successfully completed the static test of a human-rated solid rocket booster (HS200) for the Gaganyaan Programme at Satish Dhawan Space Centre (SDSC), Sriharikota, Andhra Pradesh on May 13, 2022, at 7:20 AM local time. https://t.co/uKOzVCJYkr— ISRO (@isro) May 13, 2022
एक अन्य ट्वीट कर इसरो ने जानकारी दी 'HS200 रॉकेट बूस्टर GSLV Mk III उपग्रह प्रक्षेपण यान के सिद्ध S200 रॉकेट बूस्टर का मानव-रेटेड संस्करण है। प्रक्षेपण यान के पहले चरण का यह पूर्ण-अवधि परीक्षण गगनयान के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है।'
(2/2) HS200 rocket booster is the human-rated version of the well-proven S200 rocket booster of GSLV Mk III satellite launch vehicle. This full-duration test of the first stage of the launch vehicle marks a major milestone for the Gaganyaan. pic.twitter.com/zT2t3ACBG8— ISRO (@isro) May 13, 2022
बूस्टर 'HS200' की 135 सेकंड की परीक्षण फायरिंग सुबह हुई और रॉकेट GSLV Mk III की मानव रेटिंग प्रक्रिया का हिस्सा है। बूस्टर HS200 का डिजाइन विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ((VSSC), तिरुवनंतपुरम में पूरा किया गया और इस बूस्टर की आगे की डिज़ाइन SDSC श्रीहरिकोटा में प्रणोदक कास्टिंग पूरी की गई।
जीएसएलवी एमके III रॉकेट तीन चरणों वाला वाहन है। पहला चरण ठोस ईंधन द्वारा संचालित होता है, दूसरा तरल ईंधन द्वारा और तीसरा क्रायोजेनिक चरण तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित होता है।