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जी-20 शिखर सम्मेलन : ई-संजीवनी के जरिए भारत ने की दुनिया को सस्ते इलाज की पेशकश

जी-20 की बैठक के दौरान अपने संबोधन में गोयल ने कोविड पासपोर्ट व टीकाकरण को लेकर दुनिया भर में बनाए जा रहे अलग-अलग नियमों को व्यापार में बाधा बताते हुए कहा कि इससे दुनिया में होने वाली आवाजाही सीमित होगी जिससे जरूरी सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 10:12 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 10:12 PM (IST)
जी-20 शिखर सम्मेलन : ई-संजीवनी के जरिए भारत ने की दुनिया को सस्ते इलाज की पेशकश
वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल । (फोटो- एएनआइ)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इटली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत में प्रचलित ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा दुनिया के सभी देशों को देने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा के आदान-प्रदान में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं होनी चाहिए ताकि लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो सके और इस काम में जी-20 देशों को एक साथ मिलकर प्रयास करना चाहिए।

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जी-20 की बैठक के दौरान अपने संबोधन में गोयल ने कोविड पासपोर्ट व टीकाकरण को लेकर दुनिया भर में बनाए जा रहे अलग-अलग नियमों को व्यापार में बाधा बताते हुए कहा कि इससे दुनिया में होने वाली आवाजाही सीमित होगी जिससे जरूरी सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है। उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार (आइपीआर) में छूट की वकालत करते हुए कहा कि इससे कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में मदद मिलेगी।

जी-20 की बैठक के दौरान गोयल ने भारतीय व्यापार के प्रोत्साहन के लिए 15 प्रमुख देशों के व्यापार मंत्रियों के साथ अलग-अलग बातचीत कर विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) व अन्य व्यापारिक समझौते के बारे में जानकारी दी। गोयल ने ब्राजील, चीन, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, कनाडा, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको जैसे देशों के मंत्रियों के साथ व्यापार को लेकर अलग से चर्चा की।

गोयल ने कहा कि दुनिया भर में वस्तु व सेवाओं के मुक्त प्रवाह की सुविधा पर ध्यान देने के साथ हमें दुनिया में सस्ती स्वास्थ्य सेवा को मुहैया कराने की जरूरत है जो स्वास्थ्य सेवा के मुक्त प्रवाह से संभव हो सकेगा। जी-20 देशों को उन्होंने बताया कि भारत में ई-संजीवनी के जरिये लाखों लोगों का इलाज संभव हो सका है और वे इस सेवा को पूरी दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं।

उन्होंने मछली पकड़ने के मामले में विकसित देशों द्वारा किए जाने वाले अतिक्रमण के खिलाफ भी आवाज उठाई और इस प्रकार के चलन को रोकने के लिए कहा।

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