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नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे मामलों में पैसा वसूलने के लिए सरकार लाएगी एक नया कानून

सरकार पांच मार्च से शुरु हो रहे संसद के मौजूदा बजट सत्र के दूसरे चरण में इस विधेयक को पेश कर पारित कराने का प्रयास करेगी।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 01 Mar 2018 09:18 PM (IST)Updated: Fri, 02 Mar 2018 08:11 AM (IST)
नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे मामलों में पैसा वसूलने के लिए सरकार लाएगी एक नया कानून
नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे मामलों में पैसा वसूलने के लिए सरकार लाएगी एक नया कानून

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। बैंकों से पैसा लेकर विदेश भागने वाले नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे मामलों में पैसा वसूलने के लिए सरकार एक नया कानून लाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को इस दिशा में कदम उठाते हुए 'फ्यूजीटिव इकनॉमिक ऑफेंडर बिल-2018' के मसौदे को मंजूरी दी। इस विधेयक के कानून का रूप लेने पर भगोड़े आर्थिक अपराधियों की देश-विदेश में स्थित संपत्ति जब्त की जा सकेगी। सरकार पांच मार्च से शुरु हो रहे संसद के मौजूदा बजट सत्र के दूसरे चरण में इस विधेयक को पेश कर पारित कराने का प्रयास करेगी।

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक राशि के आर्थिक अपराध इस विधेयक के दायरे में आएंगे। अगर कोई अपराधी कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए देश से बाहर भाग जाता है तो उसे भगोड़ा घोषित किया जाएगा। विदेशों में स्थित संपत्ति को जब्त करने के लिए संबंधित देशों के साथ सहयोग किया जाएगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह कानून विजय माल्या और नीरव मोदी के मामलों पर लागू होगा, जेटली ने कहा कि यह कानून जिस तारीख से प्रभावी होगा, उसके बाद के मामले इसके दायरे में आएंगे।

दैनिक जागरण ने बुधवार को खबर दी थी कि बैंकों से लोन लेकर विदेश भागने वाले लोगों से पैसा वसूलने के लिए सरकार 'फ्यूजीटिव इकनॉमिक अफेंडर बिल' लाने जा रही है। हाल ही में इस विधेयक के प्रावधानों पर कानून मंत्रालय ने अपनी मुहर लगायी थी।

वित्त मंत्रालय का कहना है कि इस विधेयक के कानून का रूप लेने पर बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं को भगोड़ा आर्थिक अपराधियों से बकाया राशि वसूलने में मदद मिलेगी। इस विधेयक के तहत अधिसूचित अपराधों की श्रेणी में भगोड़ा आर्थिक अपराधी की देश के भीतर और विदेशों में स्थित संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान है, इसलिए वे देश लौट सकेंगे।

विधेयक के तहत विशेष अदालतें किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करेंगी। इस कानून के तहत उस व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी माना जाएगा जिसके खिलाफ एक अधिसूचित अपराध में अदालत ने वारंट जारी किए हैं और उसने आपराधिक अभियोग से बचने के लिए देश छोड़ दिया है। अधिसूचित अपराधों का मतलब इस विधेयक की अनसूची में दिए गए आर्थिक अपराधों से है। हालांकि 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक के मामले ही इस विधेयक के दायरे में आएंगे।

जेटली ने कहा कि मोदी सरकार ने आम बजट 2017-18 में इस तरह का विधेयक लाने की घोषणा की थी। इसी घोषणा के अनुरूप कैबिनेट ने अब इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी है।

ये हैं विधेयक की मुख्य बातें:

1. विशेष अदालत आर्थिक अपराधी को भगोड़ा घोषित करेगी।

2. भगोड़ा आर्थिक अपराधी की संपत्ति अटैच होगी।

3. विशेष अदालत भगोड़ा आर्थिक अपराधी को नोटिस जारी करेगी।

4. भगोड़ा अपराधी की देश-विदेश में स्थित बेनामी सहित हर तरह की संपत्ति जब्त की जाएगी।

5. कोई भी दीवानी दावा नहीं कर पाएगा भगोड़ा आर्थिक अपराधी

6. इस कानून के तहत जब्त संपत्ति के प्रबंधन और निपटान के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया जाएगा।

सीए फर्म की जांच के लिए एनएफआरए के गठन को मंजूरी

कैबिनेट ने कारपोरेट जगत में फ्रॉड के मामलों को रोकने की दिशा में कदम उठाते हुए ऑडिट पेशेवरों के लिए एक स्वतंत्र नियामक संस्था नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिग अथॉरिटी के गठन के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह अथॉरिटी फ्रॉड के मामलों में चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका की जांच कर सकेगी। इस अथॉरिटी में एक अध्यक्ष, तीन पूर्णकालिक सदस्य और एक सचिव होंगे। इसकी स्थापना कंपनी कानून 2013 के प्रावधानों के तहत की गयी है। एनएफआरए कंपनी कानून की धारा 132 के तहत सूचीबद्ध कंपनियों तथा गैर सूचीबद्ध बड़ी कंपनियों के चार्टर्ड अकाउंटेंट और उनकी फर्म की जांच कर कसेगी। हालांकि सीए की मौजूदा नियामक संस्था आइसीएआइ, चार्टर्ड अकाउंटेंट कानून 1949 के तहत अपने सदस्यों के संबंध में अपने अधिकारों का इस्तेमाल करती रहेगी।


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