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Indian Constitution: अनुच्छेद 370 पर हल्ला मचाने वाले भी जान लें आखिर भारत पर क्‍या कहते हैं कश्मीरी

Indian Constitution पाकिस्‍तान भले ही कितना भी शोर मचाता रहे लेकिन हकीकत ये है कि कश्‍मीर के लोग हमेशा से ही भारतीय थे हैं और रहेंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 03:16 PM (IST)
Indian Constitution: अनुच्छेद 370 पर हल्ला मचाने वाले भी जान लें आखिर भारत पर क्‍या कहते हैं कश्मीरी
Indian Constitution: अनुच्छेद 370 पर हल्ला मचाने वाले भी जान लें आखिर भारत पर क्‍या कहते हैं कश्मीरी

श्रीनगर, नवीन नवाज। Indian Constitution 'यह एक ख्वाबों की दुनिया थी और ख्वाबों का पीछा छोड़ जितनी जल्दी हकीकत से रूबरू हो जाएं, उतना बेहतर है।' जम्मू कश्मीर की शुरुआती सियासत के साक्षी रहे, रियासत के पूर्व प्रधानमंत्री और पहले मुख्यमंत्री जीएम सादिक के पौत्र इफ्तिखार अनुच्छेद 370 पर हो हल्ला मचाने वालों को कुछ यूं नसीहत दे रहे हैं। वह कहते हैं जो हकीकत समझना नहीं चाहते, वह पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा का 1964 में सदन में दिया गया बयान याद कर लें। उन्होंने साफ तौर पर अनुच्छेद 370 को अस्थायी बताया था। हालांकि, वह राज्य के विभाजन से थोड़ा दुखी भी हैं।

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अब्दुल्ला और मुफ्ती की तरह ही राज्य की सियासत में सादिक परिवार का भी अहम रोल रहा है। यह परिवार विलय और उसके बाद के सियासी घटनाक्रम का गवाह रहा है। स्व. जीएम सादिक के दौर में ही वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) और सदर-ए-रियासत के पद समाप्त किए गए थे। उन्होंने ही कश्मीर में कांग्रेस की नींव रखी थी। इफ्तिखार सादिक खुध भी सियासत में काफी सक्रिय रहे हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं।

'फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी'
इफ्तिखार सादिक ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में बताया, 'मेरा भारतीय संविधान और राष्ट्र में पूरा विश्वास है। हमें हिंदुस्तान के साथ ही रहना है। बीते 70 सालों के दौरान यहां बहुत कुछ हुआ। इसके बावजूद कश्मीरी, हिंदुस्तान में ही सुरक्षित हैं। कश्मीरी हमेशा दिल से हिंदुस्तानी ही हैं।'

महाराजा हरि सिंह ने कश्मीरियों की इच्छा से किए थे हस्ताक्षर
इफ्तिखार सादिक ने कहा कि मेरे दादा ही 1947 में लाहौर से आने वाली अंतिम उड़ान में नई दिल्ली में लियाकत खान का संदेश लेकर पहुंचे थे। उस समय वहां प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और शेख मोहम्मद अब्दुल्ला समेत सभी प्रमुख नेता मौजूद थे। इसलिए अगर कोई यह कहे कि महाराजा हरि सिंह ने विलय पत्र पर कश्मीरियों की मर्जी के खिलाफ हस्ताक्षर किए तो गलत होगा। शेख अब्दुल्ला का शामिल होना कश्मीरियों का शामिल होना है। विलय के मुताबिक, लखनपुर से लेकर गिलगित-बाल्टीस्तान तक, अक्साई चिन का इलाका भी भारत का हिस्सा है। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।

नेहरू ने कहा था स्वयं घिस जाएगा प्रावधान
इफ्तिखार फिलहाल कांग्रेस से नाता तोड़ भाजपा में अपनी सियासी राह टटोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे दादा ही जम्मू कश्मीर संवैधानिक सभा के पहले अध्यक्ष थे। संवैधानिक सभा ने भी विलय को मंजूरी दी और उसने यह नहीं कहा कि अनुच्छेद 370 स्थायी है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी एक बार कहा था कि यह प्रावधान घिसते-घिसते घिस जाएगा। जम्मू कश्मीर के लोग भी इसे समझते थे। अगर ऐसा नहीं होता तो 1964 में जीएम सादिक प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री नहीं बनते। उस समय हालात पूरी तरह शांत रहे। इसके बाद यहां अनुच्छेद 356 और 357 भी लागू किए गए। किसी ने विरोध नहीं किया।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की वजह से खत्म हुआ परमिट राज
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह गिरफ्तार हुए थे तो उस समय जीएम सादिक ही स्वास्थ्य मंत्री थे। उन्हें एक दिन के लिए हमारे इसी घर रखा गया था। बाद में उन्हें निशात में स्थानांतरित किया गया था। उनके निधन के बाद ही 1959 में यहां परमिट सिस्टम खत्म हुआ। उन्होंने 370 के हिमायतियों से सवाल पूछा कि केंद्र में कांग्रेस की कई बार पूर्ण बहुमत की सरकार रही है। जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस भी पूर्ण बहुमत के साथ राज कर चुकी है। इन्होंने अनुच्छेद 370 को पूरी तरह स्थायी क्यों नहीं किया, क्योंकि इसकी आवश्यकता नहीं थी। अब कुछ लोग अपनी सियासत के लिए इस मसले को उछाल रहे हैं।

पहले 35ए हटाते तो बेहतर होता
इफ्तिखार ने कहा कि मेरा मानना है कि केंद्र सरकार ने एक ही झटके में सबकुछ कर दिया है। उसे पहले यहां अनुच्छेद 35ए को हटाना था, क्योंकि वह पूरी तरह से नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करता था। उसके बाद यहां यहां अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए विभिन्न वर्गों से बातचीत शुरू करनी चाहिए थी। कश्मीर में भारतीय लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी और मजबूत हैं। अगर कोई ताकत इसे नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेगी तो वह ताकत खत्म हो जाएगी।

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