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इसरो का शुक्र मिशन 2025 में, फ्रांस भी होगा शामिल, अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस ने जानकारी दी

फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस का कहना है कि इसरो साल 2025 में शुक्र ग्रह से संबंधित अपने मिशन को अंजाम देगा। सीएनईएस की मानें तो इसरो के इस अभियान में फ्रांस भी शामिल होगा। पहली बार है जब भारत के अन्वेषण मिशन में किसी फ्रांसीसी उपकरण का इस्तेमाल होगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 06:03 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 06:03 AM (IST)
इसरो का शुक्र मिशन 2025 में, फ्रांस भी होगा शामिल, अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस ने जानकारी दी
इसरो 2025 में शुक्र ग्रह से संबंधित अपने मिशन को अंजाम देगा।

नई दिल्ली, पीटीआइ। फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस ने बुधवार को बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2025 में शुक्र ग्रह से संबंधित अपने मिशन को अंजाम देगा और फ्रांस इसमें शामिल होगा। सीएनईएस ने एक बयान में कहा कि इसरो ने आग्रह प्रस्तावों के बाद मिशन के लिए रूसी अंतरिक्ष एजेंसी 'रॉस्कॉस्मस' और फ्रांस के राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र सीएनआरएस से संबंधित फ्रांसीसी अनुसंधान प्रयोगशाला 'लैटमॉस' द्वारा संयुक्त रूप से विकसित 'वाइरल' (वीनस इन्फ्रारेड एटमस्फेरिक गैसेज लिंकर) उपकरण का चयन किया है।

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इसरो अध्यक्ष के. सिवन और सीएनईएस अध्यक्ष जीन यवेस ले. गाल ने आपस में बातचीत की और अंतरिक्ष में भारत तथा फ्रांस के बीच सहयोग वाले क्षेत्रों की समीक्षा की। सीएनईएस ने एक बयान में कहा कि अंतरिक्ष खोज क्षेत्र में फ्रांस शुक्र ग्रह से संबंधित इसरो के मिशन में शामिल होगा, जिसका 2025 में प्रक्षेपण निर्धारित है। सीएनईएस फ्रांसीसी योगदान की तैयारी और समन्वय करेगा। यह पहली बार है जब भारत के अन्वेषण मिशन में किसी फ्रांसीसी उपकरण का इस्तेमाल होगा।' हालांकि, इसरो की तरफ से इस बारे में कोई बयान नहीं जारी किया गया है।

बता दें कि शुक्र के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता है। एक अनुमान के मुताबिक यह करीब 96 फीसद तक हो सकती है। यही नहीं शुक्र पर वायुमंडलीय दबाव भी धरती के मुकाबले 90 गुना ज्‍यादा आंका गया है। शुक्र आकार के मामले में पृथ्वी के काफी समान है। हालांकि सूर्य से नजदीक होने की वजह से इसका तापमान धरती के मुकाबले अधिक होता है। चंद्रमा के बाद रात में आकाश में सबसे अधिक चमकने वाला यही ग्रह है।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया था कि भारत का चंद्रयान-3 अगले साल की शुरुआत में रवाना किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री की मानें तो चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा केवल लैंडर और रोवर ही इसका हिस्सा होंगे। यह चंद्रयान-2 के रिपीट मिशन जैसा होगा। बता दें कि चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग के बाद इसरो ने इस साल के आखिर तक चंद्रयान-3 को भेजने की योजना बनाई थी लेकिन कोरोना संकट के चलते इसमें देरी हो रही है।  


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