गुवाहाटी, प्रेट्र। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मंगलवार को कहा कि मेघालय के साथ सीमा विवाद के छह क्षेत्रों में सौहार्दपूर्ण समाधान का खाका तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सरकारों ने शीर्ष स्तर पर विचार-विमर्श के जरिये रास्ता निकाला है। हालांकि, विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर और चर्चा किए जाने का आह्वान किया है। कांग्रेस ने विधानसभा में चर्चा की मांग करते हुए कहा कि सरकार के दृष्टिकोण के मुताबिक दोनों राज्यों को कुछ क्षेत्र मिलेगा और कुछ छोड़ना होगा।
असम-मेघालय सीमा विवाद पर राज्य के राजनीतिक दलों के साथ बातचीत के बाद सरमा ने ट्वीट किया कि असम-मेघालय सीमा विवाद को सुलझाने के हमारे प्रयास रंग ला रहे हैं। पहले चरण में 12 विवादास्पद क्षेत्रों में से छह को सुलझाने के लिए चिन्हित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण में जिन क्षेत्रों को अंतिम समाधान के लिए चुना गया है, उनमें हाहिम, गिजांग, ताराबाड़ी, बोकलापारा, खानापारा-पिलिंगकाटा और रातचेरा शामिल हैं।
As part of our endeavour to bring a permanent and lasting solution to the decades-old border dispute between Assam and Meghalaya, we held an interaction with representatives of AASU and organisations of Rabha, Gorkha, Garo and Bodo communities living in 6 areas of difference. pic.twitter.com/3jDKMu8hLS
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 18, 2022
सरमा ने कहा कि दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों वाली तीन क्षेत्रीय समितियों की सिफारिशों के आधार पर सौहार्दपूर्ण समाधान का रोडमैप तैयार किया गया है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री स्तर की कई दौर की बातचीत के बाद हम इस चरण में पहुंचे हैं। बैठक के दौरान कांग्रेस, माकपा, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट जैसे राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच विवादास्पद क्षेत्र का बहुत छोटा से हिस्से को समाधान के लिए चिह्नित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक, दोनों राज्यों को लगभग बराबर हिस्सा मिलेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी भी प्रस्ताव को अंतिम रूप देने से पहले इस पर विधानसभा में चर्चा की जानी चाहिए।
a