Move to Jagran APP

गणतंत्र दिवस के इतिहास में चौथी बार नहीं होगा कोई विदेशी चीफ गेस्‍ट, जानें पहले कब हुआ है ऐसा

गणतंत्र दिवस के इतिहास में चौथी बार ऐसा हो रहा है जब इसमें कोई विदेशी चीफ गेस्‍ट शामिल नहीं हो रहा है। हालांकि इससे पहले तीन बार किसी को इस मौके पर विदेशी चीफ गेस्‍ट बनाने के लिए न्‍योता नहीं दिया गया था।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 03:13 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 06:19 PM (IST)
गणतंत्र दिवस के इतिहास में चौथी बार नहीं होगा कोई विदेशी चीफ गेस्‍ट, जानें पहले कब हुआ है ऐसा
इस बार का गणतंत्र दिवस होगा काफी खास

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। देश 72वें गणतंत्र दिवस के स्‍वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस दौरान दिल्‍ली के राजपथ पर निकलने वाली परेड पर सभी की निगाह है। इस बार गणतंत्र दिवस का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब पूरा विश्‍व कोरोना महामारी से बाहर आने की कोशिश कर रहा है। हालांकि भारत ने इस महामारी पर काफी हद तक काबू पाने में सफलता हासिल की है। कोरोना महामारी की वजह से ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस दिवस पर चीफ गेस्‍ट का न्‍योता स्‍वीकार करने के बाद कुछ दिन पहले ही इसमें शामिल होने में असमर्थता जताई थी। गणतंत्र दिवस के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब इसमें कोई विदेशी मुख्‍य अतिथी शामिल नहीं हो रहा है।

loksabha election banner

हालांकि इससे पहले भी तीन बार ऐसा हुआ है जब गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई मुख्‍य अतिथी शामिल नहीं हुआ था। ऐसा मौका इतिहास में 1952, 1953 और 1966 में आया था। हालांकि इस दौरान भारत सरकार की तरफ से किसी को भी मुख्‍य अतिथी के तौर पर इसमें शामिल होने का न्‍योता नहीं दिया गया था। इस लिहाज से ये पहला मौका है जब भारत ने किसी को न्‍योता दिया और स्‍वीकार करने के बाद भी वो इसमें शामिल नहीं हुए। आपको यहां ये भी बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि सब कुछ ठीक रहा तो वो बाद में भारत जरूर आएंगे।

कोरोना की वजह से इस बार दिल्‍ली के राजपथ पर निकलने वाली परेड भी काफी अलग होने वाली है। इस महामारी की वजह से इस बार इस परेड को देखने वाले लोगों की संख्‍या को केवल 25 हजार कर दिया गया है। इसमें भी दर्शकों को कोरोना से बचाव के सभी उपाय करने होंगे। इस बार परेड के रूट को भी छोटा किया गया है। इस बार परेड की लंबाई को 8.2 किलोमीटर से घटाकर महज 3.3 किलोमीटर तक कर दिया गया है। पहले ये परेट लाल किले तक आती थी लेकिन अब ये केवल राजपथ से नेशनल स्‍टेडियम तक ही आएगी। इस बार इसमें शामिल होने वाले दस्ते भी पहले के मुकाबले छोटे होंगे। इस बार हर दस्‍ते में 96 जवान ही शामिल होंगे। इस बार इस परेड में राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पाने वाले बहादुर बच्‍चों को शामिल नहीं किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.