जब शहीद पिता के अंतिम संस्कार में चार साल का बेटा गाने लगा 'गोल-गोल रानी..', सभी के छलक आए आंसू
Salute to the martyrdom शहीद के मासूम बेटे लकी को लगा कि कोई खेल चल रहा है। रिश्तेदार की गोद में वह बाल गीत.. गोल-गोल रानी इत्ता--इत्ता पानी.. गाने लगा।
अनिल मिश्रा, जगदलपुर। आमतौर पर 'गोल-गोल रानी, इत्ता--इत्ता पानी..' जैसे बाल गीत हमें गुदगुदाते हैं और कहीं न कहीं बचपन की स्मृतियों में ले जाते हैं। लेकिन रविवार को एक मासूम के मुंह से जैसे ही यह गीत सुना, वहां मौजूद सैक़़डों लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे। यह मर्मस्पर्शी दृश्य छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के जवान उपेंद्र साहू की अंत्येष्टि के समय नजर आया।
गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया
बस्तर में शनिवार को नक्सलियों के हमले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के दो जवान शहीद हो गए थे। इनमें से एक उपेंद्र साहू का अंतिम संस्कार रविवार को हुआ। शहीद के शव को घर के बाहर नदी के तट पर लाया गया। इस दौरान शहीद उपेंद्र का चार साल का बेटा लकी भी मौजूद था। वहीं, लकी का बड़ा भाई अनिरुद्ध शहीद पिता को मुखाग्नि देने की तैयारी कर रहा था। शहीद जवान के पार्थिव शरीर को साथी जवान कांधा देकर इंद्रावती के नए पुल के नीचे नदी के तट पर लाए। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर की पुष्पचक्र परिक्रमा का आयोजन किया गया और एक बार फिर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाने लगा।
इस दौरान शहीद के मासूम बेटे लकी को लगा कि कोई खेल चल रहा है। रिश्तेदार की गोद में वह बाल गीत.. 'गोल-गोल रानी, इत्ता--इत्ता पानी'.. गाने लगा। मासूम को यह गीत गाते देख जो भी लोग शहीद पर गर्व करते हुए अब तक अपने आंसू रोके हुए थे उनकी आंखें भी छलक आई।
रिश्तेदार से पूछा पापा को कहां लगी है
गीत की दो लाइन गाने के बाद बच्चे ने अपने एक रिश्तेदार से पूछा कि पापा को कहां लगी है.. क्या यहां (चेहरा छूकर).. या नाक में। मासूम की इन बातों ने मौके पर मौजूद लोगों को आंसुओं में डिबो दिया।