पाक ने कश्मीर में भेजे जैश-ए-मोहम्मद के चार स्नाइपर, सुरक्षा बलों के लिए बने चुनौती
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के सफाये में जुटे सुरक्षा बलों के लिए पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकी नई चुनौती बनकर सामने आए हैं।
श्रीनगर, जागरण न्यूज नेटवर्क। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के सफाये में जुटे सुरक्षा बलों के लिए पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकी नई चुनौती बनकर सामने आए हैं। एम-4 कार्बाइन से लैश ये आतंकी दूर से स्नाइपर हमले (अचूक निशाने) कर रहे हैं। ये मध्य सितंबर से सक्रिय हैं और अब तक तीन सुरक्षाकर्मियों को शहीद कर चुके हैं।
खुफिया सूत्रों के अनुसार स्नाइपर अटैक कर रहे आतंकी दो-दो के गुट में बंट गए हैं। सितंबर में कुछ मददगारों की सहायता से ये दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में घुसे थे। इन आतंकियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने गहन प्रशिक्षण दिया है।
उन्हें एम-4 कार्बाइन से लैस कर कश्मीर में स्नाइपर अटैक के लिए भेजा गया है। एम-4 कार्बाइन का उपयोग अफगानिस्तान में अमेरिका के नेतृत्व वाली मित्र देशों की सेना ने किया था। आशंका है कि ये हथियार तालिबान से जब्त किए गए हथियारों के जखीरे का हिस्सा हो सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के विशेष सुरक्षा बल इनका इस्तेमाल करते हैं।
रात के अंधेरे में पहाड़ी से हमले
सुरक्षा बलों पर अब तक जो तीन स्नाइपर अटैक किए गए हैं, वे रात के अंधेरे में छोटी पहाड़ी से सेना या सीआरपीएफ के कैंप पर किए गए। ये उस वक्त किए गए जब जवान अपने मोबाइल से परिवार या दोस्तों से बातें कर रहे थे। जैसे ही संतरी की चौकी या अन्य स्थानों पर रात में ड्यूटी दे रहे जवान के मोबाइल की लाइट जलती है, ऊंचाई वाले स्थान से आतंकी निशाना साध देते हैं।
सुरक्षा बलों ने बदली रणनीति
आतंकियों के स्नाइपर अटैक बढ़ने के साथ ही सुरक्षा बलों ने भी नई रणनीति अपना ली है। हालांकि नई रणनीति का पर्दाफाश नहीं किया गया है। कैंपों में रहने वाले सेना, सीआरपीएफ व पुलिस जवानों को ताजा दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि अब तक स्नाइपर अटैक सीमा व सीमा से सटे इलाके में ही होते थे। पहली बार घाटी के अंदरुनी हिस्सों में ये देखे जा रहे हैं। हमें सुरक्षा रणनीति पर दोबारा विचार करना चाहिए।
क्या है एम-4 कार्बाइन
- इसमें टेलिस्कोप व नाइट विजन डिवाइस लगा रहता है।
-इनके जरिये आतंकी करीब आधा किलोमीटर दूर से लक्ष्य पर नजर रख सकते हैं।
-इससे आतंकी 500-600 मीटर दूर से अचूक निशाना साध सकते हैं।
घर लौट रहे एसआइ इम्तियाज शहीद
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के चीवा कलां इलाके में आतंकियों ने रविवार को घर लौट रहे सब इंस्पेक्टर इम्तियाज अहमद मीर की गोली मारकर हत्या कर दी। वह सीआइडी के श्रीनगर कार्यालय में पदस्थ थे।