सुपर मॉम: 'कॉलरवाली' बाघिन ने बनाया कीर्तिमान, आठ बार में 29 शावकों को दिया जन्म
आठवीं बार जन्में बाघ शावकों से बाघिन के कुल शावकों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। इतने ज्यादा शावकों को जन्म देने का कीर्तिमान बनाने वाली की बाघिन विश्व में एकलौती मानी जाती है।
सिवनी, जेएनएन। देश के ख्याति प्राप्त पेंच राष्ट्रीय उद्यान की मशहूर 'कॉलरवाली' बाघिन अपने चार नए शावक के साथ पर्यटकों को नजर आई है। आठवीं बार बाघिन ने चार नए बाघ शावकों को जन्म दिया है। सुपर मॉम के नाम से प्रसिद्ध 'कॉलरवाली' बाघिन इससे पहले सात बार मां बन चुकी है। सात बार में बाघिन ने कुल 26 शावकों को जन्म दिया था। आठवीं बार जन्में बाघ शावकों से बाघिन के कुल शावकों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। इतने ज्यादा शावकों को जन्म देने का कीर्तिमान बनाने वाली की 'कॉलरवाली'’ बाघिन विश्व में एकलौती मानी जाती है।
बाघों की संख्या दोगुनी करने के लिए अब सिर्फ भारत से बची हैं उम्मीदें
बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए अब सिर्फ तीन साल ही बाकी है। 2022 तक इस लक्ष्य को पूरा होना है। ऐसे में भारत को छोड़ दें, तो दुनिया के बाघ रेंज वाले दूसरे देशों में इनके संरक्षण की वैसी ललक नहीं देखने को मिल रही है। इसका अंदाजा इन देशों में बाघों की घटती संख्या से लगाया जा सकता है, जो 2010 के मुकाबले कम हुई हैं। दूसरी तरफ, भारत में इनकी संख्या में 30 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
बाघ रेंज में शामिल हैं ये 13 देश
बाघ रेंज में भारत के साथ भूटान, बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं। सितंबर 2010 में रूस के शहर सेंट पीटर्सबर्ग में हुए देशों के सम्मेलन में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए टाइगर रेंज का गठन किया गया था।
15 रिजर्व का प्रदर्शन रहा बेहतरीन
भारत ने अपने टाइगर रिजर्व के कामकाज को लेकर एक रिपोर्ट भी जारी की है। इसके अनुसार, देश में मौजूदा 39 टाइगर रिजर्व में से 15 का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है, जहां बाघों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इनमें चार रिजर्व का प्रदर्शन खराब है। इनमें इंद्रावती और उदंती-सीतानंदी (छत्तीसगढ़), पालामऊ (झारखंड) और सतकोसिया (उड़ीसा) शामिल हैं।