Chhattisgarh: आठ लाख के इनामी कमांडर दंपत्ति समेत चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सक्रिय आठ लाख के इनामी दंपत्ति कमांडर समेत चार नक्सलियों ने पुलिस और प्रशासन की नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है।
सुकमा, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान में काम कर रही बस्तर पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। सुकमा जिले में सक्रिय आठ लाख के इनामी दंपत्ति कमांडर सहित चार नक्सलियों ने पुलिस और प्रशासन की नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। सुकमा जिला मुख्यालय पहुंचकर इन इनामी नक्सली पति-पत्नी ने अपने अन्य साथियों के साथ पुलिस के सामने समर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़कर आगे की जिंदगी जीने का फैसला लिया।
सुकमा के पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर प्रतिबंधित नक्सल संगठन में काम कर रहे चार नक्सली सदस्यों ने आत्म समर्पण किया है। इनमें पोडियम गंगा उफ रघु पोलमपल्ली का रहने वाला है। वह नक्सल संगठन एलजीसएस डिविजन में कमांडर था और कोंटा क्षेत्र में सक्रिय था। उस पर शासन की ओर से पांच लाख स्र्पये का इनाम घोषित किया गया था।
पोडियम गंगा के साथ उसकी पत्नी मुचाकी लक्खे ने भी आत्मसमर्पण किया है। इसी संगठन में डिप्टी कमांडर थी और उस पर शासन की ओर से तीन लाख स्र्पये का इनाम घोषित किया गया था। इनके अलावा गंगालूर एरिया कमेटी में सक्रिय एक लाख के इनामी सोड़ी रमेश और चिंतलनार में सक्रिय लखापाल आरपीसी के जनताना सरकार अध्यक्ष हेमला भीमा ने भी आत्मसर्पण किया है।
पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने बताया कि यह सभी लोग माओवादियों की खोखली विचारधारा और उनके शोषणवादी व्यवहार से परेशान थे। इसके साथ ही वे समाज से खुद को पृथक महसूस करने लगे थे। इन सभी ने आगे का जीवन एक अच्छे नागरिक के रूप में जीने की इच्छा जताई है। इन सभी को शासन की पुनर्वास नीति का पूरा लाभ नियमानुसार दिया जाएगा।