मप्र में चार और किसान ने की आत्महत्या
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को लालपरेड मैदान पर मेधावी छात्रों के सम्मेलन में कहा कि खेती में अब इतना मुनाफा नहीं रहा।
नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। राज्य में रविवार और सोमवार को चार किसानों ने आत्महत्या की थी। वहीं पिछले 48 घंटे में प्रदेश में आठ और किसान जान दे चुके हैं। बुधवार को भी कर्ज के बोझ के तले दबे चार किसानों ने आत्महत्या कर ली। दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को लालपरेड मैदान पर मेधावी छात्रों के सम्मेलन में कहा कि खेती में अब इतना मुनाफा नहीं रहा। खेती बंटकर घट गई है। खेती जनसंख्या का बोझ नहीं सह सकती है। खेती जो कर रहे हैं वह करें, उनकी हर संभव मदद करूंगा, लेकिन मेरी इच्छा है कि कुछ लोग उद्योगों की तरफ आएं।
बदनावर (धार) ग्राम छोकलां में किसान मदनलाल (45) ने खेत पर जाकर जहर खा लिया। बेटे मनोज के अनुसार पिता ने दो-तीन बैंकों से कर्ज लिया था, जिसे चुका नहीं पा रहे थे। इसके अलावा गांव में भी कुछ लोगों से रुपये उधार लिए थे। इससे परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया। वहीं सेंधवा (बड़वानी) के ग्राम जोगवाड़ा में किसान वेचान (42) सुबह फांसी पर लटका मिला।
भाई कुमा ने बताया कि वेचान पर सोसायटी व क्रॉप लोन बकाया था। उसकी एक एकड़ जमीन गिरवी थी। एक अन्य मामले में विदिशा तहसील के ग्राम नीमखेड़ा के रहने वाले किसान शिवनारायण अग्रवाल ने मंगलवार रात चूहामार दवा खा ली। बुधवार की सुबह जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मृतक की पत्नी रेखाबाई ने साहूकारों पर कर्ज की वसूली के लिए परेशान करने का आरोप लगाया है। वहीं मंदसौर जिले की शामगढ़ तहसील के ग्राम बर्डिया पूना में कर्ज से परेशान किसान भगवान लाल (65) ने बुधवार को फांसी लगा ली। भगवानलाल पर लगभग ढाई लाख रुपये का कर्ज था।
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