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भारतीय नौसेना के 25 हजार करोड़ की डील में शामिल हुईं टाटा, अडानी सहित चार भारतीय कंपनियां

भारतीय नौसेना के सूत्रों ने एएनआइ को बताया कि चार भारतीय फर्मों को अब यूरोपीय एयरबस हेलीकॉप्टरों सहित विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं के साथ साझेदारी करने की आवश्यकता होगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 05:25 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 05:59 PM (IST)
भारतीय नौसेना के 25 हजार करोड़ की डील में शामिल हुईं टाटा, अडानी सहित चार भारतीय कंपनियां
भारतीय नौसेना के 25 हजार करोड़ की डील में शामिल हुईं टाटा, अडानी सहित चार भारतीय कंपनियां

नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय नौसेना के 25 हजार करोड़ की डील में टाटा, अडानी समेत कई अन्य कंपनियां भी अंतिम दौड़ में शामिल हो गई हैं। टाटा, अडानी, महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स और भारत फोर्ज सहित चार भारतीय फर्मों को भारतीय नौसेना द्वारा शॉर्टलिस्ट किया गया है। ये चारों कंपनियां 111 नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर के स्वदेशी विनिर्माण के लिए 25,000 करोड़ रुपये के सौदे वाली परियोजना के लिए रणनीतिक भागीदार के रूप में शामिल हो रहे हैं।

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स्वदेशी उद्योग की रक्षा विनिर्माण क्षमता विकसित करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की रणनीतिक साझेदारी नीति की पहली परियोजना के तहत, भारतीय और विदेशी फर्मों के बीच संयुक्त उपक्रम के माध्यम से 111 हल्के हेलीकॉप्टरों का निर्माण स्वदेशी रूप से किया जाना है।

विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं के साथ साझेदारी

भारतीय नौसेना के सूत्रों ने एएनआइ को बताया कि चार भारतीय फर्मों को अब यूरोपीय एयरबस हेलीकॉप्टरों सहित विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं के साथ साझेदारी करने की आवश्यकता होगी। जिन्होंने दो हेलिकॉप्टर, अमेरिकी सिकोरस्की-लॉकहीड मार्टिन और रूसी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट की पेशकश की है।

नौसेना अब महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भारतीय और विदेशी दोनों निर्माताओं के शॉर्टलिस्ट नामों के साथ रक्षा अधिग्रहण परिषद के पास मामले को ले जाएगी, ताकि इसकी शॉर्टलिस्ट के लिए सरकार से मंजूरी मिल सके और प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

आठ भारतीय कंपनियों ने दिखाई थी रूचि

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुल आठ भारतीय कंपनियों ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सहित रणनीतिक साझेदार बनने में रुचि दिखाई थी। लेकिन केवल चार कंपनियों को नौसेना द्वारा चुना गया है। जो चीता/चेतक हेलीकाप्टरों के अपने बेड़े को बदलने के लिए नए हेलिकॉप्टरों का उपयोग करेंगे।

बता दें कि मॉडल की परिकल्पना दिवंगत पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व के रूप में की गई थी और बाद में इसे रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में आकार प्राप्त किया गया। वहीं, रणनीतिक साझेदारी मॉडल में भारतीय और विदेशी फर्मों के बीच गठजोड़ की परिकल्पना की गई है। जो प्रमुख तकनीकों के अधिग्रहण और भारत में आधुनिक उत्पादन सुविधाओं की स्थापना के लिए सबसे आगे है।

गौरतलब है कि योजना के तहत पहले 16 हेलीकॉप्टरों को OEM के विदेशी उत्पादन सुविधा से वितरित किया जाना है और बाकि 95 हेलीकॉप्टरों को भारत में चयनित रणनीतिक भागीदार के रूप में निर्मित किया जाना है।


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