कभी ममता के करीबी रहे मुकुल रॉय ने थामा भाजपा का दामन
टीएमसी से नाता तोड़ने वाले मुकुल रॉय ने शुक्रवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लंबे अरसे तक तृणमूल कांग्रेस के सिपाही रहे मुकुल राय भाजपा में शामिल हो गए। शुक्रवार को उन्होंने औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ले ली। उन्होंने खुशी जताई कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करेंगे। और दावा भी किया कि भाजपा पश्चिम बंगाल में भी सरकार बनाएगी। संभव है कि फिलहाल भाजपा उन्हें त्रिपुरा व पूर्वोत्तर के राज्यों में जिम्मेदारी देगी।
भाजपा का मिशन पश्चिम बंगाल तेज होने लगा है। तृणमूल कांग्रेस के उत्थान में ममता बनर्जी के सबसे अहम सिपाही के रूप में रहे मुकुल अब भाजपा के लिए काम करेंगे। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पश्चिम बंगाल के प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के मौजूदगी में शामिल हुए मुकुल ने तृणमूल को याद दिलाया कि वह आज प्रदेश में स्थापित हो पाई है तो वह भाजपा के कारण।
उन्होंने कहा कि 1998 में ममता भाजपा के साथ मिलकर लड़ी थीं और फिर वाजपेयी सरकार में मंत्री बनी थीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और जैसे देश की सत्ता में है वैसे ही पश्चिम बंगाल में भी आएगी। उससे पहले रविशंकर ने उनका परिचय धुरंधर नेता के रूप में कराया था और कहा था कि उनके आने से प्रदेश में भाजपा को ताकत मिलेगी।
#Delhi: Former Trinamool Congress leader Mukul Roy joins BJP pic.twitter.com/tlvZqe8QR2
— ANI (@ANI) November 3, 2017
#Delhi: Former TMC Leader Mukul Roy who joined BJP today meets BJP President Amit Shah, Railway Minister Piyush Goyal & others also present pic.twitter.com/bNnTQPyYl6
— ANI (@ANI) November 3, 2017
गौरतलब है कि मुकुल रॉय ने बीते महीने दुर्गा पूजा के दौरान टीएमसी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कई आरोप लगाकर पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था। जिसके बाद उन्हें 6 सालों के लिए टीएमसी से निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी में सभी को साथी माना जाना चाहिए न कि नौकर। लेकिन वन मैन पार्टी इस तरह काम नहीं करती है।
मुकुल रॉय एक समय पर ममता बनर्जी के काफी विश्वसनीय माने जाते थे। लेकिन, पिछले कुछ समय से उनके और ममता के बीच खटास आ गई थी। ममता ने मुकुल को संसद की स्थायी समिति (ट्रांसपॉर्ट व टूरिजम) पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को यह जिम्मेदारी दी गई थी। बता दें कि टीएमसी छोड़ने के बाद मुकुल ने राज्यसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था।
बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में पूरी तरह जुटने से पहले मुकुल का उपयोग त्रिपुरा में होगा। ध्यान रहे कि त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले वामदल के गढ़ में रूप से स्थापित त्रिपुरा में भी कमल खिलाने में मदद करेंगे।
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