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Reservation in Jobs: MP में 100 फीसद आरक्षण, जानें- बिहार, झारखंड, हरियाणा व अन्य राज्यों के नियम

Reservation in Jobs स्थानीय लोगों को ही राज्य में नौकरी देने का शिवराज का फैसला कोई नया नहीं है। पहले भी कई राज्य स्थानीय लोगों को लुभाने के लिए ऐसे कानून बना चुके हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 05:37 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 07:17 PM (IST)
Reservation in Jobs: MP में 100 फीसद आरक्षण, जानें- बिहार, झारखंड, हरियाणा व अन्य राज्यों के नियम
Reservation in Jobs: MP में 100 फीसद आरक्षण, जानें- बिहार, झारखंड, हरियाणा व अन्य राज्यों के नियम

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की सरकारी नौकिरयों में स्थानीय लोगों को 100 फीसद आरक्षण देने की घोषणा की है। सरकार इसके लिए जल्द कानून में करेगी। एक साल पहले (9 जुलाई 2019 को) पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मध्य प्रदेश के स्थानीय लोगों के लिए निजी क्षेत्र की नौकरियों में 70 फीसद आरक्षण की घोषणा की थी।

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ये कोई पहला मौका नहीं है, जब किसी राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों को लुभाने के लिए ऐसी घोषणा की है। इससे पहले भी तमाम राज्य सरकारें ऐसी घोषणा करती रहीं हैं। राज्य की नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने की व्यवस्था बिहार, झारखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात व छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में पहले से लागू है या इसकी कवायद चल रही है। आइये जानते हैं, किस राज्य में स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए क्या है आरक्षण की व्यवस्था?

बिहार (Job Reservation in Bihar)

बिहार में सरकारी या निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीयता यानी डोमिसाइल के आधार पर नियुक्ति या आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि, नौकरियों में उपजाति और वर्गों के आधार पर आरक्षण का प्रावधान है। बिहार की सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति के लिए 16 फीसद, अनुसूचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 18 फीसद, पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 12 प्रतिशत, दिव्यांग के लिए 4 प्रतिशत, स्वतंत्रता सेनानी के पोता-पोती अथवा नाती-नतिनि को 2 फीसद और गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था है। इसके अलावा महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, जबकि पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए तीन फीससद अतिरिक्त आरक्षण की व्यवस्था है। इसके अलावा बिहार ने 17 नवंबर 2017 को निजी क्षेत्र व आउटसोर्सिंग वाली नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था लागू की है। इसमें अनुसूचित जाति के लिए 16 फीसद, अनुसूचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग के लिए 18 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग के लिए 12 फीसद आरक्षण लागू है।

हरियाणा (Job Reservation in Haryana)

हरियाणा सरकार ने पिछले महीने (जुलाई 2020) को स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का एक कानून बनाया है। इस कानून में निजी क्षेत्र की नौकरियों में हरियाणा के स्थानीय निवासियों के लिए 70 फीसद आरक्षण लागू किया गया है। इसके लिए हरियाणा ने स्टेट इंप्लाइमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट्स ऑर्डिनेंस 2020 लागू किया है। इसका मकसद कोरोना काल में दूसरे राज्य से वापस लौटे स्थानीय कामगारों को राज्य के अंदर ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान करना है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी स्थानीय लोगों को नौकरियों में आरक्षण देने का वादा किया था।

छत्तीसगढ़ (Job Reservation in Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग को छोड़ अन्य किसी जिले में सरकारी नौकरी में स्थानीयों के आरक्षण का प्रावधान नहीं है। आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाव के सात जिलों में, केवल तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को शत-प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। राज्य में 1 नवंबर 2019 से 31 अक्टूबर 2024 तक नई औद्योगिक नीति लागू है। इसके तहत प्रदेश में खुलने वाले सभी उद्योगों में मजदूर 100 फीसद स्थानीय होंगे। जबकि कुशल श्रेणी में 70 फीसद और प्रबंधकीय व प्रशासनिक श्रेणी में स्थानीय लोगों के लिए 40 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है।

झारखंड (Job Reservation in Jharkhand)

आदिवासी बाहुल्य इलाका होने के कारण झारखंड़ के 24 में से 13 जिले अधिसूचित क्षेत्र में आते हैं। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करते हुए इन 13 जिलों में स्थानीय लोगों के लिए 100 फीसद आरक्षण की घोषणा की थी। मतलब ये नौकरियां उसी जिले के लोगों को मिल सकती थीं। सितंबर 2019 में हाईकोर्ट ने 100 फीसद आरक्षण को असंवैधानिक मानते हुए इस पर रोक लगा दी, तब से नियुक्ति प्रक्रिया अधर में है और सरकार इसका हल निकालने में जुटी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की निजी कंपनियों में भी स्थानीय लोगों को 75 फीसद आरक्षण देने की घोषणा कर रखी है। सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है।

आंध्र प्रदेश (Job Reservation in Andhra Pradesh)

प्रदेश की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने 22 जुलाई 2019 को विधानसभा में एक बिल पेश किया, जिसका नाम था 'आंध्र प्रदेश एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट इन इंडस्ट्रीज/फैक्ट्रीज एक्ट 2019'। इसे एक्ट के जरिये जगनमोहन सरकार ने राज्य के लोगों के लिए नौकरी में 75 फीसद आरक्षण की व्यवस्था लागू की है। स्थानीय लोगों को नौकरी देने का ये कानून आंध्र प्रदेश में लगने वाले सभी उद्योगों, फैक्ट्री और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में चल रहे प्रोजेक्टों पर लागू है। आंध्र प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने स्थानीय लोगों को नौकरी में 75 फीसद आरक्षण की घोषणा की थी।

तमिलनाडु (Job Reservation in Tamilnadu)

जनवरी 2019 में राज्य के उद्योग मंत्री ने राज्य के लोगों को 50 फीसद आरक्षण देने का वादा किया था। मंत्री की तरफ से बयान दिया गया था कि उनकी सरकार प्रयास कर रही है कि राज्य के लोगों को स्थानीय नौकरियों में न्यूनतम 50 फीसद आरक्षण दिया जाए।

गुजरात (Job Reservation in Gujarat)

लगभग 2 साल पहले सितंबर 2018 में गुजरात सरकार ने भी स्थानीय लोगों को नौकरी में आरक्षण देने के लिए ऐसी ही घोषणा की थी। विजय रूपाणी सरकार ने विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में राज्य के लोगों को नौकरी देने के लिए 80 फीसद आरक्षण का ऐलान किया था। इससे पहले राज्य सरकार ने वर्ष 1985 में स्थानीय लोगों के लिए राज्य की सरकारी नौकरियों में 85 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की थी। हालांकि, तब ये आरक्षण निजी या सार्वजनिक क्षेत्र में लागू नहीं था। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य के चीनी मिट्टी निर्माण, कपड़ा, हीरा और सेवा क्षेत्र में बड़ी संख्या में यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा समेत अन्य राज्यों के मजदूर काम करते हैं।

सिक्किम (Job Reservation in Sikkim)

सिक्किम सरकार ने मई 2018 में राज्य के लोगों को स्थानीय नौकरियों में 90 फीसद आरक्षण देने की योजना बनाई थी। वर्ष 2010 में सरकार ने इसे मंजूरी भी प्रदान कर दी। हालांकि, बाद में राष्ट्रपति ने इस कानून को खारिज कर दिया।

कर्नाटक (Job Reservation in Karnataka)

कर्नाटक सरकार ने भी करीब चार वर्ष पहले, दिसंबर 2016 में स्थानीय लोगों को रोजगार में आरक्षण देने की योजना बनाई थी। राज्य सरकार, इन्फोटेक और बॉयोटेक को छोड़ निजी क्षेत्र के अन्य उद्योगों में स्थानीय कन्नड़ भाषी लोगों को 100 फीसद आरक्षण देने पर विचार कर रही थी। हालांकि, वर्ष 2018 के बाद से ये मामला कभी उठा ही नहीं।

महाराष्ट्र (Job Reservation in Maharashtra)

महाराष्ट्र में राज्य सरकार ने नवंबर 2008 में स्थानीय लोगों के लिए 80 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की थी। ये व्यवस्था केवल उन्हीं उद्योगों पर लागू की गई थी जो सरकार से टैक्स सब्सिडी और इंसेंटिव चाहते थे। हालांकि, इस व्यवस्था को कभी अमल में नहीं लाया जा सका।

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