ईवीएम विश्वसनीय, मतपत्रों से चुनाव की चर्चा गलत
कृष्णमूर्ति ने कहा, मतपत्रों से हुए मतदान में परिणामों के साथ छेड़छाड़ का खतरा रहता है। बड़ी मात्रा में कबाड़ पैदा होता है।
हैदराबाद, प्रेट्र। चुनावों में इस्तेमाल हो रहीं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पूरी तरह से विश्वसनीय हैं। अगर इनकी जगह कागज से बने मतपत्रों का इस्तेमाल पुन: शुरू किया जाता है तो वह गलत और प्रतिकूल कदम होगा। यह बात पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कही है। उन्होंने यह बात भाजपा की ओर से मतपत्र के जरिये मतदान कराने के पक्ष में आए बयान के बाद कही है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, मतपत्रों से हुए मतदान में परिणामों के साथ छेड़छाड़ का खतरा रहता है। बड़ी मात्रा में कबाड़ पैदा होता है। चुनाव परिणाम की घोषणा देरी से हो पाती है, कहीं-कहीं यह घोषणा मतगणना शुरू होने के एक सप्ताह बाद होती है। इसके अतिरिक्त अन्य तरह के भी नुकसान हैं। इनमें मतपत्रों को लाने, ले-जाने और उनके रखरखाव की समस्याएं भी शामिल हैं। कागज के लिए पेड़ों को काटे जाने की अलग तरह की समस्या है। कृष्णमूर्ति ने ईवीएम से होने वाले चुनाव को राष्ट्र के लिए गौरव बताया। कहा, इसके चलते हम दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश कर रहे हैं। उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों की मतपत्र से चुनाव की मांग को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, मतपत्र से चुनाव की मांग कर रहे ज्यादातर वे दल हैं जो जीत नहीं पा रहे, इसलिए हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हार के लिए मशीन को दोषी ठहराने का उनका रवैया गलत है। इसलिए अगर चुनाव प्रक्रिया से ईवीएम को हटाया गया तो वह देश के लिए प्रतिकूल कदम होगा। कुछ घंटों के भीतर आने वाला चुनाव परिणाम फिर से कई दिनों बाद सामने आएगा, गड़बड़ी की आशंका बढ़ जाएगी।