कृषि सुधार कानूनों के पक्ष में उतरे पूर्व नौकरशाह, कहा- किसानों की खुशहाली की दिशा में मील का पत्थर
नौकरशाहों के अनुसार यदि ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के लिए पिछले कुछ सालों में सरकार की ओर जारी पैकेज को इन कृषि सुधारों से मिलाकर देंखे तो आने वाले समय में किसानों के विकास में गुणात्मक बढ़ोतरी सुनिश्चित है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि सुधारों पर सरकार के समर्थन में अब पूर्व नौकरशाह भी उतर आए हैं। देश के शीर्ष 32 नौकरशाहों ने बयान जारी कर कृषि सुधार से जुड़े नए कानूनों को किसानों की खुशहाली की दिशा में मील का पत्थर बताया है। उनके अनुसार ये कानून किसानों को बिचौलियों के चंगुल से मुक्ति का रास्ता साफ करेगा।
केंद्रीय वित्त, बैंकिंग, रक्षा, पेट्रोलियम, नागरिक उड्डयन, कैबिनेट के पूर्व सचिवों ने किया बयान जारी
बयान जारी करने वालों में केंद्रीय वित्त, बैंकिंग, रक्षा, पेट्रोलियम, नागरिक उड्डयन, कैबिनेट के पूर्व सचिवों के साथ-साथ दिल्ली के पूर्व सचिव शक्ति सिन्हा का नाम शामिल हैं।
नौकरशाहों ने कहा- समर्थन मूल्य को बरकरार रखकर किसानों के हितों को सुरक्षित रखा
कृषि सुधार कानूनों का समर्थन करते हुए इन नौकरशाहों ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को बरकरार रखकर किसानों के हितों को सुरक्षित रखा है। इन कानूनों के संबंध में विपक्ष की ओर फैलाये जा रहे भ्रम के प्रति किसानों को सावधान करते हुए नौकरशाहों ने कहा कि स्थानीय मार्केटिंग सुविधाओं का अभाव देश में किसानों के दुर्दशा की मुख्य वजह है।
बिचौलियों के चंगुल से मिलेगी मुक्ति, किसाने में उद्यमिता का भाव पैदा होगा
निजी क्षेत्र के कृषि उत्पाद खरीदने के लिए आगे आने से किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। बल्कि बिचौलियों के चंगुल से मुक्ति ही मिलेगी। उनके अनुसार इससे किसाने में उद्यमिता का भाव पैदा होगा।
आने वाले समय में किसानों के विकास में गुणात्मक बढ़ोतरी सुनिश्चित
नौकरशाहों के अनुसार यदि ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के लिए पिछले कुछ सालों में सरकार की ओर जारी पैकेज को इन कृषि सुधारों से मिलाकर देंखे तो आने वाले समय में किसानों के विकास में गुणात्मक बढ़ोतरी सुनिश्चित है।