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TRP घोटाला : 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए BARC के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता

ब्राडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (Broadcast Audience Research Council BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (TRP scam case) घोटाले में मुंबई पुलिस ने उन्हें 24 दिसंबर को गिरफ्तार किया था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 10:35 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 10:35 PM (IST)
TRP घोटाला : 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए BARC के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता
ब्राडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

मुंबई, एएनआइ। ब्राडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (Broadcast Audience Research Council, BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता (Partho Dasgupta) को बुधवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) घोटाले में मुंबई पुलिस ने उन्हें 24 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर लिया था। 

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मुंबई पुलिस का आरोप है कि दासगुप्ता (Partho Dasgupta) ने अपने पद का दुरुपयोग किया और कुछ टीवी चैनलों की टीआरपी के साथ छेड़छाड़ की। पुलिस में दर्ज मामले के मुताबिक, आरोप है कि जिन घरों से टीआरपी के लिए नमूने एकत्र किए जाते थे उन्हें रिश्‍वत देकर टीआरपी से छेड़छाड़ की गई। पार्थो (Partho Dasgupta) के वकील कमलेश घुमरे ने दलील दी कि दासगुप्ता के ऊपर निर्देशक मंडल और एक अनुशासनात्मक समिति थी।

वकील कमलेश घुमरे ने यह भी कहा कि दासगुप्ता (Partho Dasgupta) बार्क के सर्वेसर्वा नहीं थे। वह रेटिंग प्रणाली से छेड़छाड़ नहीं कर सकते थे। अदालत मामले पर अगली सुनवाई एक जनवरी को करेगी। पुलिस हिरासत की अवधि खत्‍म होने के बाद दासगुप्ता को अदालत में पेश किया गया था। उन्होंने जमानत की अर्जी भी दाखिल की है। 

पुलिस ने इससे पहले रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी को इस मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल, खानचंदानी अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं। यही नहीं, रिपब्लिक टीवी के अन्य अधिकारी घनश्याम सिंह को भी इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस जांच के क्रम में कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर चुकी है। सोमवार को पुलिस ने पार्थो की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए उन्हें कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उनकी रिमांड अवधि बढ़ा दी थी। पुलिस ने कोर्ट में दिए गए रिमांड आवेदन में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी का नाम भी लिया था। पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ के मामले में अर्नब की भूमिका को बहुत ही संदिग्ध बताया था।


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