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हाथियों का आहार बनेगा सरकारी धान, मार्कफेड से खरीदने की तैयारी कर चुका है वन विभाग

प्रदेश के सरगुजा सूरजपुर धमतरी कांकेर बालोद गरियाबंद कोरबा महासमुंद रायगढ़ जिले में हाथियों के आहार के लिए सरकारी धान की खरीदी की जाएगी। इन जिलों में जंगली हाथियों के कारण प्रभावित क्षेत्र के लोगों को जान माल की सुरक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 10:45 PM (IST)
हाथियों का आहार बनेगा सरकारी धान, मार्कफेड से खरीदने की तैयारी कर चुका है वन विभाग
हाथियों को जंगल में ही रोककर रखने के लिए हो रही व्यवस्था

अंबिकापुर [असीम सेनगुआ]। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदा गया धान अब हाथियों का आहार बनेगा। जंगली हाथियों के प्रबंधन के नाम पर वन विभाग छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) से धान खरीदने की तैयारी कर चुका है। मार्कफेड 2095.83 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हाथियों के लिए वन विभाग को धान बिक्री करेगा।

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इस संबंध में प्रबंध संचालक मार्कफेड ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी को पत्र जारी भी कर दिया है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में खरीदा गया धान अब किसी काम का नहीं रह गया है। लगभग पांच लाख क्विंटल धान की कस्टम मिलिंग भी नहीं हो सकती है। इनमें से 90 हजार क्विंटल धान सरकारी आंकड़े में सूरजपुर जिले के देवनगर व लोधिमा सहकारी समिति में है। इसे ही उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं, प्रदेश के सरगुजा, सूरजपुर, धमतरी, कांकेर, बालोद, गरियाबंद, कोरबा, महासमुंद, रायगढ़ जिले में हाथियों के आहार के लिए सरकारी धान की खरीदी की जाएगी। इन जिलों में जंगली हाथियों के कारण प्रभावित क्षेत्र के लोगों को जान माल की सुरक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जंगलों में ही हाथियों को धान के रूप में आहार उपलब्ध कराकर रिहायशी क्षेत्रों में उनका प्रवेश रोकने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है।

इन संग्रहण केंद्रों से बेचा जाएगा धान

जिलेवार जिन संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव करना है उसका भी निर्धारण कर दिया गया है। धमतरी, कांकेर, बालोद व गरियाबंद जिले के लिए रायपुर जिले के जौंदा, महासमुंद जिले के लिए संग्रहण केंद्र पिथौरा, सरगुजा व रायगढ़ जिले के लिए बिलासपुर जिले के मोपका, कोरबा जिले के लिए बिलासपुर के सेमरताल व सूरजपुर जिले के लिए संग्रहण केंद्र देवनगर व लोधिमा से धान उपलब्ध कराया जाएगा।

सेवानिवृत्त मुख्य वन सरंक्षक केके बिसेन ने कहा, हाथी प्रभावित क्षेत्र में लंबा कार्य अनुभव यह बताता है कि यदि हाथियों को जंगल में ही पर्याा चारा, पानी मिले तो वे रिहायशी क्षेत्र में नहीं आते। हाथियों को जंगल में रोके रखने के लिए जरूरी है कि उनके लिए पर्याा आहार की व्यवस्था हो।

अंबिकापुर के जिला विपणन अधिकारी मार्कफेड आरपी पांडेय ने कहा, जिन जिलों में दो वर्ष पहले का धान बचा है, वहां से वन विभाग को निर्धारित दर पर हाथियों के आहार के लिए धान बिक्री का आदेश है। सरगुजा संभाग में सिर्फ सूरजपुर जिले की दो समितियां इस दायरे में आ रही है।


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