मुंबई गैंगरेप के बाद खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे विदेशी
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। देश में एक तरफ गैंगरेप की वारदातें बढ़ रही हैं वहीं विदेशी पर्यटकों के साथ हुई बदसलूकी की कई घटनाओं से देश की छवि धूमिल हुई है। भारत आने वाले विदेशी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। वे बॉडी गार्ड की सेवाएं ले रहे हैं। सिक्योरिटी एजेंसियों का कहना है कि पश्चिमी आगंतुकों द्वारा इन दिनों बॉडीगार्ड मुहैया कराने की मांग बढ़ गई है।
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। देश में एक तरफ गैंगरेप की वारदातें बढ़ रही हैं वहीं विदेशी पर्यटकों के साथ हुई बदसलूकी की कई घटनाओं से देश की छवि धूमिल हुई है। भारत आने वाले विदेशी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। वे बॉडी गार्ड की सेवाएं ले रहे हैं। सिक्योरिटी एजेंसियों का कहना है कि पश्चिमी आगंतुकों द्वारा इन दिनों बॉडीगार्ड मुहैया कराने की मांग बढ़ गई है।
दिल्ली में हाल में ही स्थापित कंपनी डेनेटिम सर्विसेज के सहमालिक अनुभव खिवानी ने बताया, अक्सर रात में दो या तीन बजे पश्चिमी देशों के बिजनेस एक्जीक्यूटिव द्वारा बॉडीगार्ड की मांग की जाती है। महीने में एक या दो बार परिवार के साथ छुट्टियां मनाने वाले परिवार या अकेले आने वाली महिलाएं भी बॉडीगार्ड की मांग करती हैं। अभी तक बॉडीगार्ड की मांग विदेशी सेलेब्रिटी या अमीर लोगों द्वारा ही की जाती थी। पिछले साल अमेरिकी टॉक शो की क्वीन कही जाने वाली ओपरा विन्फ्रे के तीन बॉडीगार्ड उस समय सुर्खियों में आए थे जब मथुरा में फोटोग्राफरों पर हमला करने के लिए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली में प्रशिक्षु फिजियोथेरेपिस्ट के साथ हुई गैंगरेप की घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा था। खिवानी ने कहा, दिल्ली में गैंगरेप की घटना के बाद ब्राजील में मेरी एक मित्र को भारत यात्रा रद करनी पड़ी थी क्योंकि उसकी मां ने उसे जाने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को दो श्रेणी में बांटा जा सकता है। पहली श्रेणी में वे लोग आते हैं जिनका मानना है कि ऐसी घटनाएं दुनियाभर में होती हैं और उसे लेकर परेशान नहीं होते। दूसरे श्रेणी में वे लोग आते हैं जो इन घटनाओं से डरे होते हैं और किसी प्रकार की समस्या से बचना चाहते हैं।
कनाडा की 44 वर्षीया शालिनी निगम पहले भारत आने पर अकेले यात्रा करने पर खुद को सुरक्षित महसूस करती थी, लेकिन अगली भारत यात्रा के दौरान वह भी बॉडीगार्ड की सेवाएं लेने पर विचार कर रही हैं। उन्होंने कहा, महिलाओं के खिलाफ बस, होटल और गांव में रोजाना हमले होना चिंता की बात हो गई है। मैं जानती हूं कि ये हमले दूसरे देशों में भी होते हैं, लेकिन भारत 1990 के मुकाबले काफी बदल गया है। पहले विदेशी पर्यटकों को इस तरह निशाना नहीं बनाया जाता था।
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