उड़ी हमले को लेकर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को किया तलब
उड़ी में सेना के बटालियन पर हुए आतंकी हमले को लेकर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : पहले भारत पर आतंकी हमला करवाना और फिर इससे इन्कार करना। पाकिस्तान की विदेश नीति का यह अहम हिस्सा बन गया है। लेकिन पठानकोट और अब उड़ी हमले के बाद उसकी इस बात पर कोई भरोसा नहीं करेगा। भारत ने बुधवार को पाकिस्तान को उड़ी हमले में उसके शामिल होने के पर्याप्त सुबूत उसे सौंप दिए।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और उन्हें इन सुबूतों के साथ सख्ती से यह बताया कि किस तरह से भारत पर हमला करने के लिए आतंकी उसकी जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह हाल के महीनों में तीसरा मौका है जब पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया गया। इससे पहले 9 अगस्त, 2016 को भी विदेश सचिव ने बासित को कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को भड़काने के लिए भेजे गए आतंकियों के गिरोह के मारे जाने और उनमें से एक आतंकी बहादुर अली की जिंदा गिरफ्तारी के बाद मिले सुबूतों के आधार पर बुलाया था। हालांकि इस पर कुछ नहीं हुआ।
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भारत मुंबई आतंकी हमले को लेकर भी पाकिस्तान को काफी सुबूत दे चुका है। लेकिन पाकिस्तान इस पर भी अभी तक आनाकानी कर रहा है। कई बार वह बेशर्मी से झूठ भी बोलता है कि उसे भारत से पर्याप्त सुबूत नहीं मिले। पठानकोट हमले की जांच का हश्र हम देख ही चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक भारतीय विदेश सचिव का लहजा काफी सख्त था।
उन्होंने बासित से कहा कि पाकिस्तान सार्वजनिक तौर पर कहता है कि वह भारत के खिलाफ किसी आतंकी गतिविधि में शामिल नहीं है। ऐसा है तो उसे भारत की तरफ से दिए जा रहे सुबूतों के आधार पर जांच करनी चाहिए। लेकिन ये सुबूत बताते हैं कि आतंकी पाकिस्तान के सहयोग से ही अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं। अब भारत को पाकिस्तान के जवाब का इंतजार है।
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