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वैश्विक खतरा! आतंक का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बहुत सक्रिय है: विदेश सचिव हर्षवर्धन

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हाल में हुई टेक्सास की घटना दर्शाती है कि भारत के पड़ोस में अपने उपरिकेंद्र के साथ आतंक का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बहुत सक्रिय है।

By Ashisha RajputEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 09:31 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 09:53 AM (IST)
वैश्विक खतरा! आतंक का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बहुत सक्रिय है: विदेश सचिव हर्षवर्धन
वैश्विक खतरा! आतंक का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बहुत सक्रिय है: विदेश सचिव हर्षवर्धन

नई दिल्ली, एएनआइ।‌ बीते दिनों अमेरिका के टेक्‍सास में एक बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दिया गया। कोलीविले शहर के एक प्रार्थना-स्‍थल (सिनेगाग) में एक बंदूकधारी ने घुसकर कई लोगों को बंधक बना लिया था। इस घटना के बाद, भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हाल में हुई टेक्सास की घटना दर्शाती है कि भारत के पड़ोस में अपने उपरिकेंद्र के साथ आतंक का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बहुत सक्रिय है।

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पड़ोसी देश से आतंकी संबंधों को किया उजागर

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए, पड़ोसी देश कहते हुए उसके आतंकी संबंधों को उजागर किया है‌। विदेश सचिव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद नेटवर्क से वैश्विक खतरे के लिए एक स्पष्ट, अविभाजित, प्रभावी और सामूहिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने आतंकवाद से खतरे को रेखांकित करते हुए कहा कि टेक्सास में हाल की घटना ने फिर से प्रदर्शित किया है कि, 'भारत के पड़ोस में अपने उपरिकेंद्र के साथ आतंकवाद का अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क बहुत सक्रिय था और यह लंबे समय तक चलने वाला प्रभाव है।'

इंडो-पैसिफिक के एक कार्यक्रम में बोले विदेश सचिव

विदेश सचिव हर्षवर्धन, इंडो-पैसिफिक में भारत और यूरोप के बीच सहयोग की संभावना पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने तमाम मुद्दों के साथ आतंकवाद के जटिल विषय पर भी बात की। देश का सतत विकास और चुनौतियों का समाधान करने के लिए उन्होंने भारत और यूरोप के बीच गहरे जुड़ाव का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के लिए सहयोगात्मक प्रयास को बढ़ावा देने की भी बात कही। आतंकवाद के विषय पर बात करते हुए विदेश सचिव ने कहा, 'आपको 26/11 का भीषण मुंबई आतंकवादी हमला याद होगा जिसमें भारतीय, जर्मन और अन्य नागरिकों की जान चली गई थी।' उन्होंने इसमें आगे जोड़ते हुए कहा कि इसमें विफलता केवल आतंकवादियों को और अधिक दुस्साहस के लिए प्रेरित कर सकती है।


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