विदेश मंत्री जयशंकर की पश्चिमी देशों को नसीहत, कहा- भारत संग असहमतियों के साथ चलने की आदत डाले पश्चिम
भारत हर मसले पर पश्चिमी देशों के साथ नहीं चल सकता है।भारत की स्वतंत्र विदेश नीति है हम उसके अनुसार अपने हित देखकर चलते हैं।यह बात विदेश मंत्री जयशंकर ने एक कार्यक्रम में कही है। जयशंकर ने कहा कुछ मसलों पर हमारे विचार अलग हैं और पश्चिमी देशों के अलग।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत हर मसले पर पश्चिमी देशों के साथ नहीं चल सकता है। भारत की स्वतंत्र विदेश नीति है, हम उसके अनुसार अपने हित देखकर चलते हैं। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम में कही है। जयशंकर ने कहा, कुछ मसलों पर हमारे विचार अलग हैं और पश्चिमी देशों के अलग। वे अपने विचारों के साथ कार्य कर रहे हैं और हम अपने विचारों के साथ। विदेश मंत्री ने यह बात पाकिस्तान के संबंध में कही, जो दशकों से आतंकवाद को प्रश्रय देने की नीति पर चल रहा है और भारत में अशांति पैदा कर रहा है। लेकिन पश्चिमी देश उसके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई से हमेशा परहेज करते आए हैं।
पाकिस्तान को लेकर हमारे बीच गंभीर मतभेद
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर हमारे बीच गंभीर मतभेद हैं, बावजूद इसके भारत तमाम मुद्दों पर पश्चिमी देशों के साथ है। उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी देशों के साथ असहमतियों से हमारा इतिहास भरा पड़ा है। हमारे बीच मतभेद घटते-बढ़ते रहते हैं लेकिन वे कभी खत्म नहीं हुए। कई पश्चिमी देशों के पाकिस्तान के साथ अलग तरह के संबंध हैं लेकिन हम उनके साथ भी संबंध बनाए हुए हैं और उनमें विकास कर रहे हैं।
मैं बहुत सी भिन्न तरह की स्थितियों के बीच रहा हूं- जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि हाल के महीनों में मैं बहुत सी भिन्न तरह की स्थितियों के बीच रहा हूं, जिन्हें पसंद नहीं करता हूं। लेकिन रह रहा हूं। उसी तरह की स्थितियों में भारत पश्चिमी देशों के साथ चल रहा है और पश्चिमी देशों को भी भारत के साथ वैसे ही चलना चाहिए। जयशंकर ने यह बात भारत द्वारा रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीद पर पश्चिमी देशों की आलोचना पर कही है।
भारत चाहता है युद्धविराम और शांति
भारत ने रूस के यूक्रेन पर हमले की निंदा भी नहीं की है, इससे भी पश्चिमी देश नाखुश हैं। विदेश मंत्री ने कहा, पश्चिमी देशों को भारत के नजरिये का सम्मान करते हुए साथ चलने की आदत डालनी चाहिए। भारत यूक्रेन में युद्धविराम और शांति चाहता है। भारत कूटनीति के जरिये सारे विवादों का हल चाहता है। विश्व के सारे विवादों पर संयुक्त राष्ट्र की यही नीति है।
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