विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- पूर्वी लद्दाख में एलएसी के हालात अत्यधिक गंभीर
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव को अत्यधिक गंभीर बताते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि इसको सुलझाने के लिए गहरी बातचीत की जरूरत है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रूस की राजधानी मॉस्को में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से संभावित मुलाकात से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पड़ोसी देश को सीमा पर जारी तनाव को लेकर स्पष्ट संदेश दे दिया है। जयशंकर ने कहा है कि सीमा के हालात को पड़ोसी देश के साथ समग्र संबंधों से अलग नहीं किया जा सकता है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव को अत्यधिक गंभीर बताते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि इसको सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच राजनीतिक स्तर पर बहुत ही गहरी बातचीत की जरूरत है।
एक अखबार के साथ बातचीत में जयशंकर ने अपनी पुस्तक 'द इंडिया वे' का जिक्र करते हुए कहा कि आपसी रिश्तों को लेकर वह गलवन घाटी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से पहले ही लिख चुके हैं। गलवन घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एलएसी पर तनाव बढ़ गया है। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए और बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए थे।
हालांकि, चीन ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उसके कितने सैनिक मारे गए थे। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के 35 सैनिक मारे गए थे। जयशंकर ने कहा कि अगर सीमा पर शांति और अमनचैन का माहौल नहीं रहता है तो आपसी संबंध भी अच्छे नहीं हो सकते। समग्र आपसी रिश्ते इन्हीं पर आधारित होते हैं। जयशंकर 10 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने मॉस्को जा रहे हैं। वहीं, उनकी मुलाकात चीनी विदेश मंत्री से होने वाली है। उन्होंने कहा कि अतीत से हमें जो समस्याएं मिली हैं, वो रिश्तों को प्रभावित कर रही हैं।
यह भी देखें: India China Firing: लद्दाख में पैंगोंग तसो झील के पास गोलीबारी