नक्सलियों के स्ट्रांग जोन में घुसकर चुनौती देंगे जवान
फोर्स ने माओवादियों पर कड़ा प्रहार करने को उनके स्ट्रांग जोन में घुसकर चुनौती देंने की योजना बनाई है।
सुकमा, (नईदुनिया)। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के किस्टारम में नक्सली हमले के बाद फोर्स ने भी माओवादियों पर कड़ा प्रहार करने को उनके स्ट्रांग जोन में घुसकर चुनौती देंने की योजना बनाई है। यही वजह है कि चिंतलनार, चिंतागुफा, किस्टारम एवं जगरगुंडा थाना क्षेत्र के नक्सलियों के स्ट्रांग जोन माने जाने वाले इलाके की घेराबंदी करने के लिए ज्वाइंट ऑपरेशन लांच किया गया है। हालांकि, इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
टीसीओसी (टेक्टिकल काउंटर आफेंसिव कंपेन) शुरू होने के ठीक पांचवें दिन माओवादियों ने 13 मार्च को किस्टारम थाना क्षेत्र के पालोडी कैंप के पास बारूदी सुरंग विस्फोट कर सीआरपीएफ की एमपीवी को उड़ा दिया था। धमाके में सीआरपीएफ 212 बटालियन के 9 जवान शहीद और 2 घायल हुए थे। नक्सली आने वाले दिनों में भी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।
किस्टारम वारदात से पहले ही नक्सलियों की टीसीओसी से निपटने की रणनीति बनाने का दावा पुलिस अफसरों ने किया था। बावजूद इसके नक्सलियों ने पहले 18 फरवरी को सुकमा जिले भेज्जी के एलाडमडगू में सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा में तैनात डीआरजी और एसटीएफ के जवानों की टुकड़ी पर बड़ा हमला बोला। हमले में दो जवान शहीद हुए थे, जबकि छह घायल हो गए थे। पांच मार्च को सुकमा के दोरनापाल के पास पेंटा और पेदाकुरती कैंप के बीच एनएच 30 पर तीन यात्री बस समेत छह वाहनों को फूंक दिया था। हालांकि, आगजनी की वारदात को बीजापुर जिले के पुजारी कांकेर में मारे गए दस हार्डकोर नक्सलियों के बदले की कार्रवाई माना जा रहा है।