SC ने गायब फाइलों का रिकार्ड पेश न करने पर यूपी सरकार को लगाई फटकार
कोर्ट जिम्मेदारी तय करेगा और कुछ लोगों को जेल भी भेजा जा सकता है।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। गायब फाइलों का रिकार्ड पेश न कर पाने पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकारा। कोर्ट ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है। 74 मामलों में रिकार्ड गायब हैं। अपराधी समाज में खुले घूम रहें हैं। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए राज्य सरकार के वकील से कहा कि आप सोमवार को बचाव के लिए तैयार होकर आइएगा। कोर्ट जिम्मेदारी तय करेगा और कुछ लोगों को जेल भी भेजा जा सकता है।
ये कड़ी फटकार न्यायमूर्ति अरुण कुमार और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने तब लगाई जब योगी सरकार के नव नियुक्त एडीशनल एडवोकेट जनरल डीके सिंह और वकील कमलेन्द्र मिश्रा ने कुछ कागजात दिखाते हुए ब्योरा और जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा।
पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार रिकार्ड पेश करने को लेकर जरा भी गंभीर नहीं दिखती। कोर्ट इस कदर नाराज हो गया कि एक समय तो वह सोमवार को मुख्य सचिव, मुख्य सचिव विधि परामर्शी और एडवोकेट जनरल को तलब करने की बात करने लगा लेकिन डीके सिंह की ओर से गलती मानते हुए ऐसा न करने के अनुरोध पर कोर्ट ने बाद में इन अधिकारियों को तो सोमवार को नहीं तलब किया लेकिन सिंह से कहा कि वे बचाव के लिए तैयार होकर आएं कोर्ट मामले में जिम्मेदारी तय करेगा। कुछ लोगों को जेल भी भेजा जा सकता है। कोर्ट इस मामले में स्ट्रीक्चर (प्रतिकूल टिप्पणियां) भी पास कर सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को सोमवार को फिर सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया।
पिछली सुनवाई गत 10 अप्रैल को कोर्ट ने राज्य की ओर से पेश स्टेटस रिपोर्ट में 74 अपीलों के रिकार्ड गायब होने का ब्योरा दर्ज करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि वे इन मामलों का रिकार्ड ढूंढवाना या फिर दोबारा से फाइलें और रिकार्ड तैयार कराना सुनिश्चित करें। कोर्ट ने ये भी आदेश दिया था कि राज्य सरकार इन मामलों में आये कोर्ट के आदेशों को भी पेश करे और ये भी बताए किस आधार पर सरकार ने उन आदेशों को चुनौती दी थी और अब पैदा हुई चिंताजनक स्थिति से कैसे निपटा जाएगा। कोर्ट ने तब कहा था कि जैसी स्थिति स्टेटस रिपोर्ट में दिख रही है,न्यायिक प्रशासन में इस लापरवाही की इजाजत नहीं दी जा सकती।
इसके बाद मामला शुक्रवार को सुनवाई पर लगा था। प्रदेश सरकार की ओर से पहले तो पत्र जारी कर समय मांगा गया लेकिन जब कोर्ट इस पर राजी नहीं हुआ तो प्रदेश सरकार के वकील डीके सिंह ने कुछ कागजात दिखाते हुए कहा कि उनके पास कुछ कागज आये हैं इनका अनुवाद कराने में कुछ समय लगेगा इसके लिए कोर्ट थोड़ा समय दे दे, वे इस पर जवाब दाखिल करेंगे लेकिन कोर्ट नाराज हो गया। कहा आदेश दिये दो महीने हो गए हैं।
हत्या, कातिलाना हमले जैसे गंभीर 74 आपराधिक मामलों में अभियुक्त निचली अदालत से बरी हो गए थे। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपीलें दाखिल की थी लेकिन अपील लंबित रहने के दौरान ही मामले के रिकार्ड गायब हो गए। ये मामला सामने तब आया जब हत्या के एक मामले में बगैर रिकार्ड के ही यूपी सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में एसएलपी दाखिल कर दी।
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