23 सालों से भोपाल में इस पेड़ का मनता आ रहा है जन्मदिन, कटता है केक, जानें वजह
नीम के पेड़ का जन्मदिन मनाने के पीछे का मकसद नई पीढ़ी को पेड़ों का महत्व बताना और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है। 21 जून को नीम का पेड़ 24 साल का होने जा रहा है।
भोपाल [ब्रजेंद्र वर्मा]। केक बनवाने का ऑर्डर दिया जा चुका है। बैलून और रिबन भी आ चुके हैं। भोपाल स्थित बीएचईएल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड) के पिपलानी आदर्श मार्केट में एक खास बर्थडे पार्टी मनाने की तैयारी चल रही है। यह बर्थ डे पार्टी हर साल 21 जून को मनाई जाती है और इस दिन जन्मदिन होता है एक नीम के पेड़ का। जी हां, यहां पिछले 23 सालों से एक नीम के पेड़ का जन्मदिन पूरी धूमधाम से मनाया जाता है।
यह पेड़ कुछ लोगों के लिए उनके बेटे जैसा है जिसकी परवरिश उन्होंने पिछले 23 सालों में पूरे जतन से की है। अथर्ववेद में कहा गया है-दश कूप समो वापी, दश वापी समो हद, दश हद समो पुत्र दश पुत्र समो द्रुम अर्थात दस कुओं के बराबर एक बावड़ी, दस बावड़ी के बराबर तालाब, दस तालाब के बराबर एक पुत्र और दस पुत्रों के बराबर है एक वृक्ष।
बीएचईएल के रिटायर्ड समूह महाप्रबंधक विजय जोशी और आदर्श बाजार के दस व्यापारियों ने अथर्ववेद के इसी श्लोक से प्ररेणा लेकर 24 साल पहले एक नीम का पेड़ लगाया और उसे अपने बेटे की तरह पालने का संकल्प लिया। पिछले 23 सालों से ये व्यापारी न केवल इस पेड़ की पूरे जतन से देखभाल कर रहे हैं बल्कि हर साल 21 जून को इसका जन्मदिन भी पूरे धूमधाम से मनाते हैं।
बच्चों की तरह पेड़ को पाला
आदर्श बाजार में आठ से 10 दुकानें हैं। भेल टाउनशिप के कई क्वार्टर खाली होने से वर्तमान में बाजार की रौनक तो खत्म हो चुकी है। लेकिन व्यापारियों ने 24 साल पहले नीम का पौधा लगाने से लेकर अब तक नीम को एक बच्चे की तरह पाला है। नियमित पानी देना। उसकी देखभाल करना। आंधी-तूफान आने के दौरान नीम के पेड़ के पास रहना। ये व्यापारियों की आदत बन चुकी है।
जन्मदिन की तैयारी
नीम के पेड़ का जन्मदिन मनाने के पीछे का मकसद नई पीढ़ी को पेड़ों का महत्व बताना और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है। 21 जून को नीम का पेड़ 24 साल का होने जा रहा है। इस मौके पर नीम को लगाने वाले भेल के पूर्व समूह महाप्रबंधक विजय जोशी, व्यापारी सुधीर पड्या, राज कुमार अग्रवाल, निरजंन करनानी नीम के पेड़ की 24वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। 21 जून गुरुवार सुबह 11 बजे केक काटकर जन्मदिन मनाया जाएगा। इस आयोजन में बीएचईएल के तमाम बड़े अधिकारी और कर्मचारियों के साथ कई आम लोगों को भी आमंत्रित किया गया है।
अगली पीढ़ी के लिए संदेश
भेल के रिटायर्ड समूह महाप्रबंधक और व्यापारी सुधीर पंडया कहते हैं पेड़ का जन्मदिन मनाकर हम अगली पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना चाहते हैं। साथ ही इस नीम के पेड़ से भवानात्मक लगाव भी हो गया है।
वीआइपी पेड़, सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहते हैं गार्ड
दुनिया के जाने- माने पर्यटन और धार्मिक स्थल मप्र के सांची में लगा एक पेड़ किसी वीआइपी से कम नहीं है। चारों तरफ ऊंची जालियों से घिरे इस पेड़ की सुरक्षा में 24 घंटे होमगार्ड के जवान तैनात रहते हैं। पेड़ अगर जरा सा भी मुरझा जाए तो प्रशासन तक में हड़कंप मच जाता है और इसका इलाज शुरू हो जाता है। 21 सितंबर 2012 को सलामतपुर सांची में अंतरराष्ट्रीय बौध विश्वविद्यालय की स्थापना के वक्त यह बोधि वृक्ष लगाया गया था। इसके लिए श्रीलंका के महाबोधि वृक्ष की कलम लाई गई थी जिसे यहां रोपा गया।
हालांकि श्रीलंका और मप्र सरकार के बीच सांची विश्वविद्यालय में अधिकारों की लड़ाई के चलते इस अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण अब खटाई में पड़ चुका है। वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के गृह ग्राम बारला स्थित एक भवन में किराए से तीन साल से चल रही विश्वविद्यालय के संचालन में प्रति वर्ष दो करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है, जबकि यहां एडमिशन का आंकड़ा सौ भी पार नहीं कर पाया है।