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ब्रिक्स सम्मेलन में 52 लाख रुपये का खाद्य घोटाला

गोवा के मानवाधिकार आयोग ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान 52 लाख रुपये का खाद्य घोटाला होने का आरोप लगाया है। आयोग के अनुसार, सम्मेलन के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Tue, 18 Oct 2016 11:55 PM (IST)Updated: Wed, 19 Oct 2016 03:58 AM (IST)
ब्रिक्स सम्मेलन में 52 लाख रुपये का खाद्य घोटाला

पणजी, पीटीआई : गोवा के मानवाधिकार आयोग ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान 52 लाख रुपये का खाद्य घोटाला होने का आरोप लगाया है। आयोग के अनुसार, सम्मेलन के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को घटिया खाने की आपूर्ति की गई थी। इस पर सख्त कदम उठाते हुए आयोग ने मंगलवार को मामले की जांच और खाना आपूर्ति करने वाले ठेकेदार का भुगतान रोकने का आदेश दिया।

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दो सदस्यीय आयोग ने कहा, 'प्रथमदृष्टया पता चला है कि गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन 2016 के लिए तैनात पुलिसकर्मियों को बेहद घटिया और दूषित खाना देने के मामले में 51.60 लाख रुपये का घोटाला हुआ है।'

सेवानिवृत्त जिला जज एडी सालकर की अध्यक्षता वाले राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष सामाजिक कार्यकर्ता एरिस रोड्रिग्ज ने इस सिलसिले में एक याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने दावा किया है कि ब्रिक्स सम्मेलन की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और उन्हें घटिया खाना दिया गया।

इस बार मानवाधिकार आयोग ने कहा, 'ऐसी खबरें मिली हैं कि दिन में बचे खाने के पैकेटों को डिनर तथा रात में बचे खाने के पैकेटों को दूसरे दिन में लंच में दिया गया। अधिकांश पुलिसकर्मियों ने इसे लेने से इन्कार कर दिया था, क्योंकि उनसे बदबू आ रही थी।

गोवा पुलिस के इंस्पेक्टर अनुक्षा ए पाई बीर के अनुसार, सम्मेलन के लिए तैनात पांच हजार जवानों के वास्ते राज्य सरकार ने खाने के मद में 51.60 लाख रुपये का बजट आवंटित किया था। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से परे मामले की जांच कर दोषियों को दंडित करने का निर्देश दिया है।

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