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लॉकडाउन में एफएम रेडियो की बढ़ी विश्वसनियता, प्रतिदिन लोग दो घंटे से ज्यादा सुन रहे रेडियो

लोगों के बीच सूचना के लिए रेडियो की बढ़ती लोकप्रियता एवं विश्वसनीयता पर एआरओआई की अध्यक्ष अनुराधा प्रसाद ने कहा कि दर्शकों के लिहाज से हम टीवी की बराबरी करने वाले हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 10:11 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 10:15 PM (IST)
लॉकडाउन में एफएम रेडियो की बढ़ी विश्वसनियता, प्रतिदिन लोग दो घंटे से ज्यादा सुन रहे रेडियो
लॉकडाउन में एफएम रेडियो की बढ़ी विश्वसनियता, प्रतिदिन लोग दो घंटे से ज्यादा सुन रहे रेडियो

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेडियो हमेशा से ही लोगों का दोस्त रहा है। चाहे समय अच्छा हो या बुरा। कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन के दौरान भी एफएम रेडियो लोगों का भरोसेमंद हमसफर साबित हो रहा है। यही वजह है कि 6 मेट्रो शहरों के 82 फीसद लोग विश्वसनीय सूचना के लिए एफएम रेडियो से जुड़े हुए हैं। यह खुलासा एजेड रिसर्च पीपीएल के हाल में किए गए अध्ययन में किया गया। यह अध्ययन एसोसिएशन ऑफ रेडियो ऑपरेटर्स फॉर इंडिया (AROI) की तरफ से करवाया गया था। अध्ययन 18 साल से ऊपर आयु के 3300 लोगों पर किया गया।

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रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक सूचना पाने के माध्यम में रेडियो की विश्वसनीयता दूसरे नंबर पर पाई गई। सूचना पाने के लिए विश्वसनीय माध्यम में इंटरनेट पहले नंबर पर रहा।

घरों में रेडियो सुनने वालों की संख्या में 22 फीसद की बढ़ोत्तरी

भारत में रेडियो के श्रोताओं की संख्या 5.1 करोड़ है। टेलीविजन देखने वालों की संख्या 5.6 करोड़ है तो सोशल मीडिया से 5.7 करोड़ लोग जुड़े हैं। रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ कि घरों पर रेडियो सुनने वालों की संख्या में 22 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। लॉकडाउन के दौरान लोग प्रतिदिन 2.36 घंटे रेडियो सुन रहे हैंै। यह अवधि पहले के मुकाबले 23 फीसद अधिक है।

लोगों के बीच सूचना के लिए रेडियो की बढ़ती लोकप्रियता एवं विश्वसनीयता पर एआरओआई की अध्यक्ष अनुराधा प्रसाद ने कहा कि दर्शकों के लिहाज से हम टीवी की बराबरी करने वाले हैं। रेडियो सुनने के समय में 23 फीसद की बढ़ोतरी काफी उत्साहजनक है। रेडियो सिटी के सीईओ असित कुकियन ने कहा कि हाल के रिसर्च से पता चलता है कि रेडियो में स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों ही मुद्दों पर जागरूकता फैलाने की ताकत है। अभी के मौके पर एफएम रेडियो ने फिर से यह साबित कर दिया है। रेडियो आसान माध्यम है और इस कारण इसकी पहुंच काफी अधिक लोगों के बीच हैं।

मोबाइल में रेडियो सुनने की वजह से रेडियो की पहुंच बढ़ी

बिग एफएम के सीईओ अब्राहम थॉमस ने कहा कि रिसर्च की रिपोर्ट हमारी उम्मीद के अनुरूप है। रेडियो पर लोगों के बढ़ते विश्वास के साथ घरों में और मोबाइल पर रेडियो सुनने की बढ़ती आदत की वजह से लोगों के बीच रेडियो की पहुंच बढ़ी है। कोविड19 के बाद लॉकडाउन के दौरान रेडियो में प्रसारित होने वाले कंटेंट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है।

एचटी मीडिया लिमिटेड और नेक्स्ट मीडिया व‌र्क्स के रेडियो एंड इंटरटेनमेंट के सीईओ एच जैन के मुताबिक वैश्विक स्तर पर कोविड19 जैसी महामारी फैलने के बाद इंटरटेनमेंट के माध्यम की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। रेडियो का काम अपने श्रोताओं का सिर्फ मनोरंजन करना ही नहीं बल्कि उन तक सही सूचना पहुंचाना भी है। इएनआइएल के एमडी एवं सीइओ प्रशांत पांडेय ने कहा कि रेडियो माध्यम की उपयोगिता को देखते हुए लोकप्रियता में हुए इस इजाफे पर उन्हें आश्चर्य नहीं है। रेड एफएम और मैजिक एफएम की डायरेक्टर व सीओओ निशा नारायण ने कहा कि रेडियो भाषाई और सामुदायिक दूरियां को घटाते हुए लोगों को जोड़ रहा है और ताजा सर्व एक बार फिर साबित कर रहा कि रेडियो आमलोगों तक पहुंचने का बहुत प्रभावशाली माध्यम है।


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