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उत्‍तर प्रदेश, बिहार और असम में बाढ़ का कहर, चपेट में 33 लाख लोग, नेपाल में भारी तबाही

देश के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। उत्‍तर प्रदेश बिहार और असम में 33 लाख से ज्‍यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 08:42 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 04:33 PM (IST)
उत्‍तर प्रदेश, बिहार और असम में बाढ़ का कहर, चपेट में 33 लाख लोग, नेपाल में भारी तबाही
उत्‍तर प्रदेश, बिहार और असम में बाढ़ का कहर, चपेट में 33 लाख लोग, नेपाल में भारी तबाही

नई दिल्‍ली, एजेंसी/ब्‍यूरो। देश के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। उत्‍तर प्रदेश, बिहार और असम में 33 लाख से ज्‍यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं। उत्‍तर प्रदेश में कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। असम के 33 में से 25 जिलों में बाढ़ की वजह से करीब 15 लाख लोग प्रभावित हैं। बिहार में बाढ़ से अब तक 29 लोगों की मौत हुई है और आठ जिले प्रभावित हैं।सरकारी अनुमान के मुताबिक, राज्‍य में लगभग 18 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से अब तक 65 लोगों की मौत हो गई है जबकि 24 से ज्यादा लोग लापता हैं। 

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बिहार में उफनाई नदियों का पानी उत्तर बिहार, कोसी और सीमांचल के जिलों के गांव और शहर में घुसकर कहर ढा रहा है। रविवार की सुबह मधुबनी में सात और दरभंगा में चार जगहों पर तटबंध टूट गए। इससे दर्जनों गांवों में पानी घुस गया है। विभिन्न जगहों पर 23 लोगों की डूबने से मौत हो गई। इनमें उत्तर बिहार में 19 और सीमांचल में 4 लोगों की मौत की खबर है। बिहार के जिन इलाकों में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर है, उनमें अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी जिला शामिल हैं। बाढ़ से अररिया में अबतक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, तो वहीं मोतिहारी में बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 10 पहुंच गया है। 

सुपौल से कोसी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। शनिवार रात को कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोले जाने के कारण सुपौल-सहरसा के लगभग 12 दर्जन गांव जलमग्न हो गए हैं। जिन गांवों में पानी घुस गया है, वहां के लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में बाहर निकल रहे हैं। मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी का जलस्तर स्थिर रहने के बावजूद कटरा व औराई में बाढ़ की स्थिति नाजुक बनी है। दो हजार घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। दो दर्जन गांवों में पानी फैल गया है। पांच घंटे बाद डीएम व स्थानीय सांसद अशोक यादव के पहुंचने पर आक्रोशित लोगों ने सांसद को घंटों बंधक बनाए रखा। 

फारबिसगंज प्रखंड मुख्यालय पर लाठी डंडे से लैस बाढ़ पीड़ितों ने सांसद को रविवार शाम घेर लिया। लोगों ने बाढ़ राहत सामग्री पीड़ितों तक नहीं पहुंचने का आरोप लगाया और सांसद को जमकर खरी खोटी सुनाई। बाढ़ की समीक्षा करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया और हवाई दौरा करने के बाद राहत और बचाव के काम में तेजी लाने का निर्देश जारी किया। सीएम नीतीश ने शिवहर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, मघुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर का हवाई सर्वे किया।  

पूर्वी चंपारण के नए इलाकों में पानी तेजी से प्रवेश कर रहा है। मधुबनी में कमला बलान व धौस नदी का तटबंध टूटने से जिले में त्रहिमाम है। दरभंगा में चार जगहों पर कमला नदी का तटबंध टूट गया। उत्‍तर प्रदेश में कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। आबादी पर बाढ़ और कटान का संकट गहरा गया है। दूसरी ओर कुछ जिलों में मानसून की बारिश से कुछ राहत मिलने के बाद अब गर्मी फिर तेवर दिखाने लगी है। सीतापुर में शारदा व घाघरा दोनों नदियां उफान पर हैं। पानी तटीय इलाके में मौजूद खेतों में भर रहा है। गोंडा में सरयू में पानी बढ़ा है।

असम के 33 में से 25 जिलों में बाढ़ की वजह से करीब 15 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्‍य में बाढ़ की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में बारिश से हुए हादसों में दो-दो लोगों ने अपनी जान गंवाई। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के पानी से जूझ रहे असम राज्य के 33 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बीते तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण पश्चिम बंगाल में भी जनजीवन पटरी से उतर गया है। सिक्किम में हुए भूस्‍खलन से 32 नंबर राजमार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ था। हरियाणा के अंबाला जिले में भारी बारिश से आबादी वाले इलाकों में पानी भर गया जिससे जनजीवन बुरी तरह‍ प्रभावित हुआ है। 

नेपाल में मूसलधार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 65 लोगों की जान जा चुकी है। नेपाल पुलिस के अनुसार, 33 लोग लापता हैं जिनकी खोज जारी है। दो हजार लोगों को बचाया गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण पूर्वी और दक्षिणी नेपाल के कई इलाके भूस्खलन और बाढ़ के खतरे का सामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने देश के कई हिस्सों में अभी दो-तीन दिनों तक बारिश जारी रहने की आशंका जताई है। बाढ़ के कारण कई मुख्य राज्यमार्गों पर यातायात ठप है। देश के ज्यादातर इलाके जलमग्न हैं। ढाई हजार से ज्यादा घरों में पानी घुस गया है। करीब 1,500 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। प्रभावित इलाकों में 27 हजार से ज्यादा पुलिस और सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।


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