इसे नदी समझने की गलती ना करें, ये केरल भी नहीं है; ये NH-30 है जनाब!
बावजूद इसके कोटा से सुकमा के बीच करीब दो किमी तक रायपुर-कोंटा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-30) पर इतना पानी भरा हुआ है कि उस पर नाव चल रही है।
जगदलपुर, जेएनएन। पिछले तीन-चार दिनों से छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों मेंं हुई बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर हैं। लोग बीच रास्ते में फंसे हुए हैं। जगदलपुर में शबरी व इंद्रावती नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बाद अब उतार पर है।
बावजूद इसके कोटा से सुकमा के बीच करीब दो किमी तक रायपुर-कोंटा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-30) पर इतना पानी भरा हुआ है कि उस पर नाव चल रही है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार आगामी चौबीस घंटों में प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।
राजनांदगांव में शिवनाथ समेत अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। मोंगरा जलाशय से पानी छोड़ा जा रहा है। धमतरी में गंगरेल बांध में जलभराव अधिक होने के बाद मंगलवार को छह गेट खोल दिए गए। नदी के किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
जगदलपुर से विजयवाड़ा जाने वाली बस सोमवार शाम से ही गीदम नाला के पास खड़ी है। एनएच पर पानी ज्यादा होने से बस निकल नहीं पाई और यात्रियों ने भूखे-प्यासे ही बस में रात गुजारी। गंगरेल बांध्ा का जलभराव 98 प्रतिशत हो चुका है। प्रति सेकेंड 21949 क्यूसेक पानी कैंचमेंट एरिया से आ रहा है।
बांध के 6 गेट खोलकर 21666 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। शासन-प्रशासन ने सात जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। गरियाबंद जिले में भी नदी-नालों पर पानी चढ़ने के कारण देवभोग, अमलीपदर, उमाल के साथ मैनपुर के कुछ इलाके के रास्तांे में लोग फंसे हुए हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है। इससे यहां ज्यादातर नदी-नाले उफान पर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से कई स्कूलों की ऐसी तस्वीरें सामने आईं, जिनमें बच्चे तिरपाल या छाते के सहारे कक्षा में बैठकर पढ़ते नजर आए। वहीं अब गरियाबंद जिले के एक गांव के स्कूली बच्चों की तस्वीर सामने आई है। इसमें ये बच्चे बारिश से उफनते नाले को पार कर स्कूल जाते नजर आ रहे हैं। हालांकि प्रशासन ने नदी के किनारे गोताखोर और पुलिस बल को तैनात कर दिया है और लोगों को नदी पार करने से रोका जा रहा है।