गुजरात में बाढ़ से भारी तबाही,213 की मौत, 5 दिन बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में रहेंगे CM
बनासकांठा जिले में सबसे ज्यादा मौत बीती 21 जुलाई को हुईं। यहां लगातार भारी बारिश के कारण तालाब ऊपर तक भर गए हैं।
पालनपुर, जेएनएन। गुजरात में बाढ़ के कारण कई इलाके जलमग्न हैं। बाढ़ से भारी तबाही हो रही है। राज्य बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 213 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तरी गुजरात के बनासकांठा पाटन में हर ओर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। अकेले बनासकांठा में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। वहीं से बाढ़ में 4225 मवेशियों की भी मौत हो गई है। ऐसे में हालात का जायजा लेने मुख्यमंत्री विजय रुपानी खुद बनासकांठा पहुंचे हैं और वह पांच दिनों तक यहीं रहेंगे।
बनासकांठा जिले में सबसे ज्यादा मौत बीती 21 जुलाई को हुईं। यहां लगातार भारी बारिश के कारण तालाब ऊपर तक भर गए हैं। जब स्थानीय बांध में पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया, तो काफी पानी छोड़ दिया गया। इसकी वजह से आसपास के इलाकों में भारी तबाही हुई। कंट्रोल रूम के सूत्रों ने बताया कि 21 जुलाई को 61 लोगों की मौत हुई। इनमें से ज्यादातर लोग पानी में डूबने के कारण मारे गए।
मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने घोषणा की है कि वह राहत और पुनर्वास कार्य की देखरेख के लिए अगले पांच दिनों तक जिले में डेरा डालेगा। रविवार को रुपानी ने 17 लोगों के रिश्तेदारों से मुलाकात की जो कंचरेज तालुक के खरिया गांव में मारे गए थे। खरिया और आसपास के गांवों में बनस नदी से कम से कम 28 शव बरामद किए गए हैं। उन्होंने पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत की और मुआवजा की राशि का भी वितरण किया।
At Nagla village, ensured all kind of help from the Government. I salute the spirit of the villagers who unitedly fought against the havoc. pic.twitter.com/Ns1nkBEDI2— Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) July 30, 2017
सीएम विजय रुपानी का कहना है कि बनासकांठा के इतिहास में यह सदी की सबसे भयंकर बाढ़ है। वह धानेरा में भी गए, जहां बाढ़ के कारण भारी तबाही हुई है। यहां रुपानी किसानों और व्यापारियों से भी मिले। इस क्षेत्र में किसान लगभग 10 लाख हेक्टेयर बंजर भूमि में 4,000 टन सड़ा हुआ अनाज को डंप करने को मजबूर हो गया है।
एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी (एपीएमसी) ने यहां हर चीज को फिर से शुरू करने के लिए राज्य सरकार से 80 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है। रुपानी ने ट्वीट कर कहा, 'विनाशकारी बाढ़ के कारण हुए नुकसान के उचित और समय पर मूल्यांकन होगा, इसका आश्वासन दिलाता हूं।'