Flight Emergency Landing: विमानों में तकनीकी खराबी पर DGCA हुआ सख्त, सभी एयरलाइंस का दो महीने तक करेगा आडिट
Flight Emergency Landing भारतीय विमानों में मिल रही तकनीकी खराबी ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। ऐसे में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने विमानों में मिल रही तकनीकी खराबी मामले में एक्शन लेना शुरु कर दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। Flight Emergency Landing- विमानन नियामक DGCA ने विमानों में आ रही तकनीकी खराबी पर अब बड़ा कदम उठाया है। DGCA ने एयरलाइन कंपनियों के लिए विमानों में मिल रही तकनीकी खराबी को लेकर कड़े निर्रेश जारी किए गए हैं। विमानन नियामक डीजीसीए ने इस महीने की शुरुआत में अपनी जांच में पाया कि अयोग्य इंजीनियरिंग कर्मी विमानों को उनके प्रस्थान से पहले ही मंजूरी दे रहे हैं। इसके चलते विमानन नियामक डीजीसीए ने एयरलाइनों का दो महीने का विशेष ऑडिट शुरू किया है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने जारी किया आदेश
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने जांच में पाया है कि पिछले 45 दिनों के दौरान भारतीय वाहक विमानों में कई तकनीकी खराबी की घटनाएं हुई हैं। डीजीसीए के 18 जुलाई के एक आदेश में कहा गया है कि उपरोक्त विशेष ऑडिट का फोकस हैंगर और स्टोर, एयरलाइन कर्मियों द्वारा उपयोग किए जा रहे उपकरण, एयरलाइंस गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली, स्पेयर पार्ट्स और एयरलाइंस रखरखाव नियंत्रण केंद्र की कमी के कारण ग्राउंडेड विमान जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
आदेश में क्या कहा गया
न्यूनतम उपकरण सूची (एमईएल) रिलीज का मतलब है कि एक विमान को कुछ निष्क्रिय उपकरणों या उपकरणों के साथ एक विशिष्ट अवधि के लिए उड़ान भरने की अनुमति दी जाती है, जब तक उसकी मरम्मत नहीं हो जाती। आदेश में जिक्र किया गया है कि हाल के दिनों में कई एयरलाइनों में इंजीनियरिंग से संबंधित घटनाओं में वृद्धि की खबरें सामने आई हैं। आदेश में कहा गया है कि सभी अनुसूचित एयरलाइनों का विशेष ऑडिट 19 जुलाई से शुरू हो रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे निर्धारित मानकों का पालन कर रहे हैं।
अयोग्य इंजीनियरिंग कर्मी उड़ान से पहले ही विमानों को दे रहे हरी झंडी
डीजीसीए के अधिकारियों ने कहा कि विशेष ऑडिट अगले दो महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। स्पॉट चेक करने के बाद, नियामक ने पिछले हफ्ते अपने निष्कर्षों का खुलासा किया था। मौके की जांच में पाया गया कि अपर्याप्त और अयोग्य इंजीनियरिंग कर्मी विभिन्न वाहकों के विमानों को उनके प्रस्थान से पहले प्रमाणित कर रहे हैं। प्रत्येक प्रस्थान से पहले एक विमान को एक विमान रखरखाव इंजीनियर (एएमई) द्वारा जांचा और प्रमाणित किया जाता है। डीजीसीए ने कहा कि मौके की जांच में पाया गया कि एयरलाइंस की एएमई टीमें गलत तरीके से रिपोर्ट की गई खराबी के कारण की पहचान कर रही हैं।
28 जुलाई तक दिया आदेश के पालन का निर्देश
डीजीसीए ने पिछले हफ्ते एयरलाइंस के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें उन्हें पर्याप्त और योग्य एएमई कर्मियों को तैनात करने के लिए कहा था और उन्हें 28 जुलाई तक अनुपालन करने का निर्देश दिया था। पिछले 45 दिनों के दौरान भारतीय वाहकों के विमानों में कई तकनीकी खराबी की घटनाएं हुई हैं। एयर इंडिया की दुबई-कोच्चि की उड़ान को 21 जुलाई को मुंबई की ओर डायवर्ट किया गया था। जब पायलट-इन-कमांड ने केबिन दबाव में कमी की सूचना दी थी। 21 जुलाई को गो फर्स्ट की मुंबई-लेह और श्रीनगर-दिल्ली उड़ानों को इंजन में खराबी का सामना करना पड़ा था।