एनजीटी में पेश नहीं होने पर स्वच्छ भारत के संयुक्त सचिव पर पांच हजार जुर्माना
पीठ ने आदेश दिया कि जुर्माने की यह रकम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जमा करा दी जाए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गुरुवार को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव (स्वच्छ भारत) के पेश नहीं होने पर कड़ा एतराज जताया और उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। संयुक्त सचिव को एनजीटी में पेश होकर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी देनी थी।
जस्टिस राघवेंद्र सिंह राठौर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस बात पर गहरी नाराजगी जाहिर की कि संयुक्त सचिव ने खुद पेश होने की बजाय अपने अधीनस्थ अधिकारी को ट्रिब्यूनल में पेशी पर भेज दिया। पीठ ने कहा, 'संयुक्त सचिव ने पेशी से छूट के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है। एक जिम्मेदार अधिकारी से कम से कम यह अपेक्षा की जाती है कि वह एक हलफनामे के साथ एक आवेदन दाखिल करेगा जिसमें ट्रिब्यूनल में पेश नहीं होने का कारण बताया जाए। ताकि उचित आदेश जारी किया जा सके।
ऐसा लगता है कि संबंधित अधिकारी ने जानबूझकर अपने अधीनस्थ डायरेक्टर को पेश होने के लिए भेज दिया। इसलिए हमारा मानना है कि संयुक्त सचिव के खिलाफ पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाए।' पीठ ने आदेश दिया कि जुर्माने की यह रकम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जमा करा दी जाए। ट्रिब्यूनल ने अब संयुक्त सचिव को 26 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है।