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कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए हर राज्य के पांच फीसद मामलों की होगी जिनोम सीक्वेंसिंग

ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस (COVID-19) के नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पांच फीसद मामलों की जिनोम सीक्वेंसिंग (WGS) होगी। एनसीडीसी के नेतृत्व में जिनोम सर्विलांस कंसोर्टियम (INSACOG) का गठन किया गया है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sun, 27 Dec 2020 09:15 AM (IST)
कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए हर राज्य के पांच फीसद मामलों की होगी जिनोम सीक्वेंसिंग
कोरोना के नए स्ट्रेन के मद्देनजर नेशनल टास्क फोर्स ने बैठक की। (एएनआइ)

नई दिल्ली, एएनआइ। ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस (COVID-19) के नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पांच फीसद मामलों की जिनोम सीक्वेंसिंग (WGS) होगी। केंद्र सरकार के नेशनल टास्क फोर्स (NTF) ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। नेशनल टास्क फोर्स ने नए स्ट्रेन के मद्देनजर कोरोना  टेस्टिंग, उपचार और निगरानी रणनीतियों पर चर्चा के लिए यहां एक बैठक की और कहा कि म्यूटेशन के कारण मौजूदा ट्रिटमेंट प्रोटोकॉल को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनसीडीसी के नेतृत्व में जिनोम सर्विलांस कंसोर्टियम (INSACOG) का गठन किया गया है। इसमें कहा गया कि ब्रिटेन से लौटे 50 से अधिक लोगों के नमूने की लैब में सीक्वेंसिंग की जा रही है।बयान में यह भी कहा गया कि अन्य आरएनए वायरस की तरह सार्स-कोव 2 भी लगातार म्यूटेट होता है। यानी रूप बदलता रहता है। इसे शारीरिक दूरी, साफ सफाई, मास्क के इस्तेमाल और वैक्सीन जैसे उपायों से काबू किया जा सकता है। टास्कफोर्स ने नियमित तौर पर जीनोमिक सर्विलांस की जरूरत बताई, ताकि कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लगाया जा सके और उनकी निगरानी की जा सके। 

एनसीडीसी के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि सरकार ने ब्रिटेन में सामने आए कोरोना के नए स्ट्रेन का संज्ञान लिया है। विज्ञप्ति में कहा गया कि नए स्ट्रेन का पता लगाने और उसे फैलने से रोकने के लिए एक रणनीति बनाई गई है। भारत में सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर, 21 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से आए सभी यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया गया है। आरटी-पीसीआर टेस्ट के रिजल्ट उपलब्ध होने के बाद ही, नेगेटिव यात्रियों को घर जाने की अनुमति दी गई। इसमें कहा गया है कि संक्रमित पाए गए यात्रियों को आइसोलेशन में रखा गया है और उनके सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) के लिए भेजे गए हैं।

दिल्ली के साथ ही महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और केरल में ब्रिटेन से लौटे और कई लोगों को संक्रमित पाया गया है। इनके सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं ये ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के नए स्वरूप से तो संक्रमित नहीं हैं। राज्यों से मिली सूचनाओं के मुताबिक ब्रिटेन से हाल में लौटे महाराष्ट्र में 16, कर्नाटक में 14, केरल में आठ और दिल्ली और तेलंगाना में दो-दो लोगों को संक्रमित पाया गया है। ब्रिटेन से दिल्ली लौटे अब तक 21 लोग संक्रमित मिल चुके हैं।


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