Move to Jagran APP

गंगा की तर्ज पर पांच और नदियों का होगा पुनरुद्धार, सरकार जल्द कराएगी वैज्ञानिक अध्ययन

गंगा पुनरुद्धार का कार्य देखने वाले नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि जल्द ही गंगा नदी सफाई परियोजना की तरह पेरियार कावेरी गोदावरी नर्मदा और महानदी का वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाएगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:21 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 09:21 AM (IST)
गंगा की तर्ज पर पांच और नदियों का होगा पुनरुद्धार, सरकार जल्द कराएगी वैज्ञानिक अध्ययन
देश की पांच और नदियों का पुनरुद्धार कार्यक्रम जल्द शुरू होने जा रहा है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। गंगा मिशन की तर्ज पर सरकार देश के अन्य हिस्सों में पांच और नदियों के पुनरुद्धार कार्यक्रम को शुरू करने की कोशिश कर रही है। एक वेबिनार को संबोधित करते हुए जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने बताया कि नमामि गंगे मिशन से जो सबक सीखे हैं उन्हें देश में अन्य नदी बेसिन में लागू किया जा रहा है।

loksabha election banner

गंगा पुनरुद्धार का कार्य देखने वाले नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि जल्द ही गंगा नदी सफाई परियोजना की तरह पेरियार, कावेरी, गोदावरी, नर्मदा और महानदी का वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाएगा। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय कार्यक्रम को क्रियान्वित कर रहा है। हम गंगा के अनुभव को अन्य नदियों के लिए भी इस्तेमाल करेंगे। बेसिन दृष्टिकोण में बड़ी संख्या में भूभाग शामिल हो जाएंगे।'                                                                                                                                      

उन्होंने बताया कि अध्ययन में इन नदियों की जैव विविधता, उनके किनारों पर कितने शहर और कस्बे स्थित हैं और उनका सीवेज प्रोफाइल क्या है; इसका अध्ययन करने की कोशिश की जाएगी। इसे कैसे किया जाएगा, यह विस्तृत नीतिगत फैसला है। उन्होंने कहा, 'मेरा मंत्रालय न सिर्फ गंगा के बारे चिंतित है.. बल्कि अब वे सारी नदियां हमारे पास हैं जो पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का हिस्सा थीं।' उन्होंने उन कार्यो को भी गिनाया जिन्हें नदी पुनरुद्धार के लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने अंजाम दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.