फिच ने भारत की रेटिंग रखी बरकरार
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताते हुए उसकी रेटिंग को बरकरार रखा है। एजेंसी को यकीन है कि भारत में विदेशी निवेश बढ़ेगा तथा आर्थिक विकास की रफ्तार में तेजी आएगी। उसने बेहतरी के लिए बड़े सुधारों को महत्वपूर्ण करार दिया है।
नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताते हुए उसकी रेटिंग को बरकरार रखा है। एजेंसी को यकीन है कि भारत में विदेशी निवेश बढ़ेगा तथा आर्थिक विकास की रफ्तार में तेजी आएगी। उसने बेहतरी के लिए बड़े सुधारों को महत्वपूर्ण करार दिया है।
फिच ने भारत की रेटिंग ट्रिपल बी माइनस पर बनाए रखी है। साथ ही आउटलुक को स्टेबल रखा है। एजेंसी का कहना है कि मध्यम अवधि में मजबूत ग्रोथ आउटलुक और विदेश से मिलने वाले आसान फंडों की बदौलत वह कमजोर ढांचागत सुविधाओं की भरपाई कर लेगा। ट्रिपल बी माइनस रेटिंग 'जंक' यानी कबाड़ दर्जे से सिर्फ एक पायदान ऊपर है। स्टेबल आउटलुक दर्शाता है कि रेटिंग को लेकर सकारात्मक और नकारात्मक पहलू बराबर-बराबर हैं। विदेशी निवेशकों के निवेश का फैसला सॉवरेन रेटिंग और आउटलुक जैसे पैमानों पर काफी कुछ निर्भर करता है।
फिच ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर साढ़े सात फीसद रहने का अनुमान जताया है। इसके वित्त वर्ष 2016-17 में आठ फीसद हो जाने की उम्मीद है। ढांचागत सुधार की दिशा में सरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। इससे विकास को रफ्तार देने में मदद मिलेगी। उसने कहा है कि रिजर्व बैंक की ओर से इस साल अब तक ब्याज दरों में सवा फीसद की कटौती ऊंची जीडीपी ग्रोथ के रूप में दिखाई दे सकती है।