Move to Jagran APP

Fishermen Killing Case: मुआवजा राशि जमा होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून तक फैसला रखा सुरक्षित, केस बंद करने को लेकर होगी अगली सुनवाई

Fishermen Killing Case मुआवजा राशि जमा होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून तक अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया है। यानी अब 15 जून के बाद होने वाली अगली सुनवाई में तय होगा कि इटली के दो नौसेनिकों के खिलाफ भारत में मामला बंद होगा या नहीं।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 12:13 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 12:13 PM (IST)
Fishermen Killing Case: मुआवजा राशि जमा होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून तक फैसला रखा सुरक्षित, केस बंद करने को लेकर होगी अगली सुनवाई
मुआवजा राशि जमा होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून तक फैसला रखा सुरक्षित

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के दो मछुआरों की इटली नौसैनिकों द्वारा हत्या के मामले में 15 जून तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। दरअसल, भारत में दो इटली के नौसैनिकों के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है। इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दोनों नौसैनिकों के खिलाफ भारत में लंबित आपराधिक कार्यवाही को रद करने के लिए आवेदन किया था। यानी अब 15 जून के बाद होने वाली अगली सुनवाई में तय होगा कि इटली के दो नौसेनिकों के खिलाफ भारत में मामला बंद होगा या नहीं।

loksabha election banner

2012 में केरल में इटली के दो नौसैनिकों ने दो भारतीय मछुआरों की हत्या

बता दें कि15 फरवरी 2012 को केरल में इटली के दो नौसैनिकों ने दो भारतीय मछुआरों की हत्या कर दी थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले की सुनवाई को बंद करने का आग्रह किया था और नुकसान की भरपाई के लिए इटली से हर्जाने का भुगतान करने को कहा था। मामले में केंद्र सरकार ने आज बताया कि बतौर मुआवजा इटली से मिली धनराशि का भुगतान सुप्रीम कोर्ट में कर दिया गया है। कोर्ट के मुताबिक,  मृतक मछुआरों के परिजनों के लिए इटली ने बतौर मुआवजा 10 करोड़ रुपये दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.